गिरिडीहः झारखंड विधानसभा चुनाव के बीच भारतीय जनता पार्टी को जोर का झटका लगा है. यह झटका पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष प्रणव वर्मा ने दिया है. शनिवार को प्रणव ने भाजपा के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है. साथ ही साथ पूरे परिवार के साथ झारखण्ड मुक्ति मोर्चा में शामिल हो गए हैं.
प्रणव वर्मा ने जेएमएम के कार्यकारी अध्यक्ष सह मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के समक्ष पार्टी ज्वाइन की है. यहां पर झामुमो की गांडेय प्रत्याशी कल्पना मुर्मू सोरेन, जमुआ प्रत्याशी केदार हाजरा के अलावा प्रणव की मां चम्पा वर्मा, पत्नी पुष्पा वर्मा भी मौजूद रहीं.
सीएम के साथ बीजेपी प्रदेश उपाध्यक्ष प्रणव वर्मा का परिवार (ETV Bharat) कौन हैं प्रणव वर्मा
प्रणव वर्मा कोडरमा से कई बार सांसद रहे दिवंगत भाजपा नेता स्व. रीतलाल वर्मा के पुत्र हैं. प्रणव इससे पहले भी भाजपा छोड़कर झामुमो और जेवीएम ने जा चुके हैं. बाद में उनकी भाजपा में वापसी हुई थी. भाजपा ने उन्हें प्रदेश उपाध्यक्ष बनाया था. प्रणव कुशवाहा समाज के भी बड़े नेता में से एक हैं.
भाजपा पर उपेक्षा का आरोप
हालांकि भाजपा छोड़ने के बाद प्रणव वर्मा के द्वारा सोशल मिडिया पर भावनात्मक पोस्ट किया है. अपने फेसबुक पेज पर किए पोस्ट में प्रणव ने लिखा है. सभी जानते हैं कि उनके पिता भाजपा से सांसद रहे और अपना संपूर्ण जीवन, खून पसीना भाजपा को खड़ा करने में लगा दिया. वे श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी और लालकृष्ण आडवाणी के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलते रहे. मुझे भी पार्टी की सेवा करने का सौभाग्य मिला. मैंने भी अपनी हर सांस, तन-मन-धन के साथ पार्टी को सींचने में लगाया. जो भी दायित्व मुझे सौंपा गया, उसे मैंने निष्ठा और ईमानदारी से निभाने का प्रयास किया लेकिन अपना जीवन पार्टी के लिए खपा देने के बाद भी सम्मान नहीं मिलने लगा.
बीजेपी नेता प्रणव वर्मा द्वारा सोशल मीडिया पर डाला गया पोस्ट (ETV Bharat) आगे उन्होंने अपने पोस्ट में लिखा कि अब भाजपा सिद्धांत और आदर्श वाली पार्टी नहीं रही. पार्टी ने अटल-आडवाणी के उस युग से कदम पीछे खींच लिए हैं और इस बदलाव ने मेरे हृदय में गहरा दर्द पैदा किया है. यह दर्द और गहरा तब हुआ जब मुझे और मेरे जैसे समर्पित कार्यकर्ताओं को लगातार दरकिनार किया गया. मेरे पिताजी के राजनीतिक और सामाजिक योगदान, मेरे परिवार की विरासत और मेरे अपने बीस वर्षों के मेहनत और निष्ठा को नजरअंदाज किया गया.
मेरी राजनीतिक और सामाजिक पूंजी को समाप्त करने के लिए लगातार षड्यंत्र रचे जाने लगे. यह बात मेरे लिए अत्यंत दुखदायी रही है कि जहां मेरे पिताजी और बड़े पिताजी स्व. जेपी कुशवाहा जी जैसे महान नेताओं ने हमारे समाज को एक दिशा देने का कार्य किया, वहां उनके योगदान को धूमिल करने की कोशिश की गई. इन सब से दुखी होकर भारी मन से मैं पार्टी को छोड़ रहा हूं.
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