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बीजेपी ने पार्टी से निकाला तो एकजुट हुए बागी! इस विधानसभा में 40 लोग एलाइंस बनाकर लड़ रहे चुनाव - UTTARAKHAND BJP REBEL LEADERS

उत्तराखंड निकाय चुनाव में कई बागियों को बीजेपी ने निकाला. पार्टी से निष्कासित होने पर एकजुट होकर लड़ रहे चुनाव, बीजेपी की बढ़ाई टेंशन.

BJO Rebels Organization
बीजेपी से निष्कासित कार्यकर्ताओं ने बढ़ाई टेंशन (फोटो- ETV Bharat GFX)

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jan 17, 2025, 6:40 PM IST

Updated : Jan 17, 2025, 9:39 PM IST

धीरज सजवाण, देहरादून:उत्तराखंड बीजेपी में दल बदल की विस्तारवादी नीति अब धीरे-धीरे एक नया स्वरूप लेती जा रही है. जहां पुराने कार्यकर्ता अक्सर चुनावी समर में पार्टी के फैसलों से नाराज होकर अलग हो जाते हैं तो वहीं बीजेपी में कांग्रेस समेत अन्य दलों से आने वालों की आमद लगातार बढ़ती जा रही है. गाहे बगाहे दबी जुबान में पार्टी के पुराने कार्यकर्ता भी महसूस कर रहे हैं कि बीजेपी में लगातार बाहर से आने वाले लोगों की संख्या बढ़ती जा रही है. जिससे अपने पुराने कार्यकर्ताओं को पार्टी से रुखसत होना पड़ रहा है. मौजूदा समय में निकाय चुनाव के दंगल के बीच कुछ इस तरह से ही हालात देखने को मिल रहे हैं.

बीजेपी से निष्कासित कार्यकर्ता एकजुट होकर लड़ रहे चुनाव:देहरादून नगर निगम में बीजेपी ने 100 वार्ड में अपने कई पुराने कार्यकर्ताओं को नाराज किया है. इन कार्यकर्ताओं को पार्टी से निष्कासित भी किया गया है. बीजेपी के ये कार्यकर्ता जो कि संगठन को बारीकी से समझते हैं और पिछले लंबे समय से पार्टी के लिए काम कर रहे थे, अब पार्टी में नहीं है, लेकिन ये सभी निष्कासित लोग एक साथ चुनाव लड़ रहे हैं. अलग-अलग वार्ड में ऐसे तकरीबन 40 प्रत्याशी हैं, जो बीजेपी से निष्कासित हुए हैं और चुनाव लड़ रहे हैं.

बीजेपी से बागी नेता हुए एकजुट! (वीडियो- ETV Bharat)

बीजेपी से टिकट कटने पर अपने भतीजे को निर्दलीय लड़ा रहे पूर्व पार्षद नरेश रावत:देहरादून के वार्ड 65 में बीजेपी के पूर्व पार्षद और इस बार पार्टी से टिकट न मिलने के बाद नरेश रावत अपने भतीजे को चुनाव लड़वा रहे हैं. उनका कहना है कि रायपुर विधानसभा में तकरीबन 40 से ज्यादा प्रत्याशी ऐसे हैं, जो कि बीजेपी से निकले हैं और एकजुट संगठित होकर चुनाव लड़ रहे हैं. ज्यादातर प्रत्याशियों के चुनाव चिन्ह भी एक ही तरह के हैं और एक साथ सभी वार्ड में माहौल बनाने का काम कर रहे हैं.

बीजेपी के पूर्व पार्षद नरेश रावत (फोटो- ETV Bharat)

बीजेपी की स्टाइल में चुनाव लड़ रहे पार्टी से निष्कासित कार्यकर्ता:इनमें नेहरू कॉलोनी से नीरू भट्ट,बद्रीश कॉलोनी से राजेंद्र भट्ट, डोभाल चौक से नरेश रावत, आदित्य नौटियाल, अभिषेक नौटियाल, विवेक कोठारी, उर्मिला पाल समेत तमाम ऐसे नाम हैं, जो कि बीजेपी की स्टाइल से ही चुनाव लड़ रहे हैं और संगठन में मजबूती से जुड़े होने की वजह से ग्राउंड में भी उनकी अच्छी खासी पकड़ है.

बीजेपी के रीति-नीति से अच्छे तरीके से वाकिफ हैं निष्कासित कार्यकर्ता:वहीं, बद्रीश कॉलोनी से भी बीजेपी के पूर्व मंडल महामंत्री और बीजेपी में लंबे समय तक काम कर चुके, लेकिन इस चुनाव में पार्टी से निष्कासित हो चुके राजेंद्र प्रसाद का कहना है कि पूरे देहरादून में तकरीबन 40 लोग ऐसे हैं, जो पार्टी से निष्कासित हुए हैं और अब एकजुट होकर चुनाव लड़ रहे हैं. उन्होंने तमाम वार्डों का उदाहरण देते हुए बताया कि वो लोग बीजेपी के रीति-नीति से अच्छे तरीके से वाकिफ हैं.

बीजेपी से बागी प्रत्याशी राजेंद्र भट्ट (फोटो- ETV Bharat)

बीजेपी में कांग्रेसियों को शामिल करना पार्टी के लिए खतरनाक:इसके अलावा उन्होंने ये भी कहा कि बीजेपी में अब लगातार बाहरी लोगों की तादाद बढ़ रही है. पार्टी के पुराने लोग, जिन्होंने पार्टी को अपने खून पसीने से खींचा है, उन्हें अब सम्मान नहीं मिल पा रहा है, लेकिन कांग्रेस के वो तमाम लोग जो पार्टी की रीति नीति से वाकिफ नहीं है, उन्हें पार्टी में भरा जा रहा है. निश्चित तौर से यह आने वाले बीजेपी के भविष्य के लिए बेहद खतरनाक है. वहीं, इसके अलावा उन्होंने क्षेत्रीय विधायक पर भी आरोप लगाया है कि विधायक संगठन और कार्यकर्ताओं के बीच में लगातार लकीर खींचने का काम कर रहे हैं.

देहरादून में बागी नेताओं की लिस्ट (फोटो सोर्स- Uttarakhand BJP)

हर किसी की महत्वाकांक्षा को पूरा करना संभव नहीं:इस पूरे मामले पर बीजेपी के वरिष्ठ नेता और धर्मपुर से विधायक विनोद चमोली का कहना है कि पार्टी में मौजूद कार्यकर्ताओं को लगातार पार्टी सम्मान के रूप में हर जगह कुछ ना कुछ जिम्मेदारी देती है. उन्होंने कहा कि बीजेपी एक बहुत बड़ा संगठन है और हर किसी की महत्वाकांक्षा को पूरा करना संभव नहीं है. वहीं, इसके अलावा उन्होंने कहा कि जो भी कार्यकर्ता पार्टी के खिलाफ जाकर काम करता है, उसके खिलाफ पार्टी का अपना संविधान है और निष्कासन की प्रक्रिया एक सामान्य प्रक्रिया है.

पार्टी के साथ धोखा करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा: वहीं, क्षेत्रीय विधायकों पर संगठन और कार्यकर्ताओं के बीच में खाई बांटने के बयान पर विनोद चमोली ने कहा कि पहले तो संगठन में इस तरह का कोई व्यक्ति है, यह उम्मीद के बिल्कुल विपरीत है, लेकिन इसके बावजूद भी कोई विधायक इस तरह से काम कर रहा है तो वो अपनी पार्टी के साथ धोखा कर रहा है. उसे बिल्कुल भी बख्शा नहीं जा सकता है. उन्होंने कहा कि इस तरह का काम करने वाले लोग ज्यादा दिन तक काम नहीं कर पाते हैं. समय आने पर इन्हें अपने किए का खामियाजा भुगतना पड़ता है.

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Last Updated : Jan 17, 2025, 9:39 PM IST

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