लखनऊ:विभागों में भर्ती न होने, पेपर लीक होने और बेरोजगारी के मुद्दे से भाजपा सरकार को लोकसभा चुनाव में सियासी नुकसान उठाना पड़ा है. अब योगी सरकार इस मोर्चे पर कमर कसकर काम करने की पूरी प्लानिंग कर चुकी है. तमाम विभागों में काफी संख्या में रिक्त पदों पर नियुक्ति करने संबंधित आयोग के स्तर पर होने वाली परीक्षाओं में पेपर लीक जैसी समस्याएं ना होने देने को लेकर सरकार के स्तर पर प्रयास तेज कर दिए गए हैं. सभी विभागों में रिक्त पदों का ब्यौरा तलब करके लोकसेवा आयोग, अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के स्तर पर नौकरियां देने और रोजगार देने को लेकर सरकार गंभीर हो गई है.
भर्ती प्रक्रिया में धांधली बनी हार की वजह: दरअसल, लोकसभा चुनाव में विपक्षी दलों की तरफ से प्रदेश की भर्तियां न होने और भर्ती प्रक्रिया में धांधली कराकर नौकरी न देने का बड़ा मुद्दा उठाया गया है. यह मुद्दा भी बन गया जो युवाओं के बीच निचले स्तर तक जा पहुंचा. इससे भाजपा को बड़ा नुकसान उठाना पड़ा है. भाजपा अपना पिछला प्रदर्शन नहीं दोहरा पाई और उसकी सीटों की संख्या कम हो गई. अब इस मुद्दे को लेकर प्रदेश सरकार पूरी तरह से एक्शन मोड में आ गई है. खुद सीएम योगी आदित्यनाथ ने इसको लेकर मोर्चा संभाल लिया है. उन्होंने भर्ती आयोग के अफसरों से दो टूक लहजे में जल्द से जल्द भर्ती प्रक्रिया शुरू करने की हिदायत दी है.
साथ ही परीक्षा की पारदर्शिता के साथ खिलवाड़ रोकने के लिए भी सीएम ने नई व्यवस्था शुरू करने की बात अफसरों से कही है. जिससे भर्ती प्रक्रिया में कोई धांधली न होने पाए. मुख्यमंत्री ने कहा, है कि चयन परीक्षाओं की सुचिता, पारदर्शिता और गोपनीयता सुनिश्चित की जाए. मुख्यमंत्री ने आयोगों में चल रही चयन प्रक्रियाओं और आगामी दिनों में होने वाली प्रक्रिया आदि पर भी चर्चा की थी. साथ ही आगामी कलेंडर की जानकारी भी ली. इसके साथ ही अक्सर विवादों में रहने वाली भर्ती प्रक्रिया के दौरान पेपर लीक और सॉल्वर गैंग जैसी गतिविधियों का तत्काल खात्मा करने के भी निर्देश शासन के बड़े अफसरों को दिए गए हैं.