देहरादून:केदारनाथ सीट पर उपचुनाव की तैयारियां अपने आखिरी चरण में है तो वहीं प्रत्याशियों की चयन की बात करें तो बीजेपी से प्रत्याशियों के नामों का पैनल केंद्रीय पार्लियामेंट्री कमेटी को भेजा जा चुका है. जल्द ही केदारनाथ सीट पर बीजेपी अपने प्रत्याशी के नाम पर मुहर लगा देगी. ऐसे में केदारनाथ उपचुनाव के लिए बीजेपी के फाइनल राउंड के वो कौन से प्रत्याशी हैं, जिनका नाम सबसे ज्यादा चर्चाओं में चल रहा है और टिकट हासिल करने के प्रबल दावेदार हैं. इन दावेदारों का क्या कुछ बैकग्राउंड है और उनके टिकट मिलने और न मिलने के क्या पॉजिटिव या नेगेटिव पहलू हैं, इससे आपको रूबरू करवाते हैं.
केदारनाथ में बीजेपी के टॉप 4 दावेदार, आशा नौटियालको जानिए: बीजेपी महिला मोर्चा की अध्यक्ष और केदारनाथ से बीजेपी की पूर्व विधायक रह चुकींआशा नौटियाल का नाम सबसे टॉप पर है. आशा राज्य गठन के बाद 2002 से लेकर 2012 तक केदारनाथ विधानसभा से विधायक रही हैं. केदारनाथ विधानसभा सीट पर आशा नौटियाल बीजेपी की ओर से प्रबल दावेदार मानी जा रही हैं, जो चर्चाओं भी में सबसे ज्यादा है. बताया जा रहा है कि केंद्रीय पार्लियामेंट्री को भेजी गई प्रत्याशियों की सूची में आशा नौटियाल का नाम सबसे ऊपर है.
कुलदीप रावत को जानिए:हाल ही में बीजेपी में शामिल हुए कुलदीप रावत ने केदारनाथ विधानसभा में पिछले कुछ सालों एक फायर ब्रांड नेता के रूप में अपनी छवि बनाई है. इन चुनाव में कुलदीप रावत की चर्चा इसलिए गंभीरता से हो रही है, क्योंकि कुलदीप रावत केदारनाथ विधानसभा में अकेले ऐसे चेहरे हैं, जिन्होंने पिछले दो चुनाव में एक बार बीजेपी को तीसरे नंबर पर भेजा.
जबकि, एक बार कांग्रेस को तीसरे नंबर पर भेजा है यानी कुलदीप रावत केदारनाथ विधानसभा में दो बार दूसरे नंबर पर रह चुके हैं. प्रॉपर्टी डीलिंग का व्यवसाय करने वाले कुलदीप रावत की फैन फॉलोइंग केदारनाथ विधानसभा में काफी ज्यादा है. वे लगातार लोगों के बीच में रहते हैं. अब तक उन्होंने एक समाजसेवी और निर्दलीय चेहरे के रूप में अपनी पहचान बनाई है.
वो कुछ महीने पहले ही बीजेपी में शामिल हुए हैं. केदारनाथ उपचुनाव में टिकट की दौड़ में पूरे दमखम के साथ आगे बढ़ रहे हैं. उनके करीबियों का मानना है कि यदि बीजेपी उन्हें टिकट नहीं देती है तो वो एक बार अपने इस अंदाज में निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में मैदान में उतरेंगे. जो प्रयास वो पिछले दो चुनाव में कर चुके हैं, उसे इस बार और मजबूती के साथ करेंगे.
ऐश्वर्या रावत को जानिए:केदारनाथ सीट से दिवंगत विधायक शैलारानी रावत की बेटी ऐश्वर्या रावत का नाम तब से चर्चाओं में आया, जब विधायक शैलारानी रावत जिंदा थी और वो देहरादून में एक निजी अस्पताल में अपनी अंतिम सांसे गिन रही थी. ऐसे समय में ऐश्वर्या रावत ने सोशल मीडिया पर एक बेहद संवेदनाओं भरा पत्र लिखा था.
राजनीतिक गलियारों में अपना परिचय दिया था कि उनकी माता की राजनीतिक उत्तराधिकारी के रूप में वो खड़ी हैं. शैलारानी रावत के निधन के बाद वो लगातार चर्चाओं में रही और विशुद्ध रूप से उनकी तमाम गतिविधियों को राजनीति से जोड़कर देखा गया. केदारनाथ सीट पर उपचुनाव का ऐलान होते ही ऐश्वर्या रावत ने भी अपनी दावेदारी को प्रमुखता से रखा है.