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ब्लू रोशनी से सराबोर हुई ऐतिहासिक इमारतें, रात में नीला नजर आएगा मध्य प्रदेश - BHOPAL WORLD CHILDRENS DAY 2024

विश्व बाल दिवस पर ऐतिहासिक इमारतों पर ब्लू नाइट, नीली रोशनी में जगमगाएंगे मध्यप्रदेश के ये हिस्टोरिकल पैलेस

BHOPAL WORLD CHILDRENS DAY 2024
यूनिसेफ द्वारा ब्लू थीम पर मनाया जा रहा विश्व बाल दिवस (ETV Bharat)

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Nov 20, 2024, 12:54 PM IST

भोपाल: इस बार यूनिसेफ द्वारा ब्लू थीम पर विश्व बाल दिवस मनाया जा रहा है. इस अवसर मध्य प्रदेश की सभी ऐतिहासिक इमारतें नीली रोशनी से रंगी हुई नजर आएंगी. इससे पहले 19 नवंबर की रात से ही प्रदेश की कई ऐतिहासिक इमारतों में ब्लू लाइटिंग की गई थी, जिससे ये इमारतें नीली रोशनी से रात भर जगमगाती रहीं.

इन इमारतों को किया गया शामिल

यूनिसेफ के संचार विशेषज्ञ मध्यप्रदेश अनिल गुलाटीने बताया, " इस बार विश्व बाल दिवस ब्लू थीम पर मनाया जा रहा है. 17 नवंबर को भोपाल की जागरण लेक सिटी के पिरामिड में ब्लू लाइटिंग की गई थी. वहीं मंगलवार की रात धार जिले के मांडू में जहाज महल को नीले रंग से रोशन किया गया. मंगलवार की रात आरेछा में राजा महल, चतुर्भुज मंदिर और लक्ष्मी मंदिर में नीली रोशनी की गई थी." अनिल गुलाटीने बताया कि 20 नवंबर की रात में मध्य प्रदेश की सभी एतिहासिक इमारतों और स्मारकों में ब्लू लाइटिंग की जाएगी. इसमें राजधानी भोपाल का रानी कमलापति रेलवे स्टेशन और कुशाभाउ ठाकरे सभागार समेत अन्य इमारतों में ब्लू लाइटिंग की जाएगी."

नीली रोशनी से जगमगाया मध्यप्रदेश (ETV Bharat)

इसलिए मनाया जाता है विश्व बाल दिवस

संयुक्त राष्ट्र महासभा में साल 1959 में बाल अधिकारों को लेकर एक कन्वेंशन का आयोजन किया गया था. बाल अधिकारों के इस सम्मेलन की वर्षगांठ 20 नवंबर को होती है. इसलिए इसी दिन विश्व बाल दिवस मनाया जाता है. हालांकि, पहली बार विश्व बाल दिवस 20 नवंबर 1954 को मनाया गया था, लेकिन संयुक्त राष्ट्र में इसकी सैंद्धांतिक स्वीकृत साल 1959 के बाद मिली. इस दिवस को मनाने का उद्देश्य यह है कि विश्व के सभी बच्चों का सर्वांगीण विकास हो सके.

ब्लू रोशनी से सराबोर हुई ऐतिहासिक इमारतें (ETV Bharat)

विश्व बाल दिवस का महत्व

दुनियाभर के सभी बच्चों के विकास के लिए सालभर ही गतिविधियां चलती रहना चाहिए. बहुत सारे ऐसे बच्चे हैं जिनका बचपन में पूर्ण रूप से विकास ही नहीं हो पाता है. उम्र के साथ वे अलग-अलग प्रकार की बीमारियों का शिकार होने लगते हैं. शारीरिक और मानसिक दोनों तरह से उनका विकास बहुत कम होता है. जिसका असर आने वाले समय में नजर आता है. अतः ऐसे में जरूरतमंद बच्चों को खाना मिले, उनका बराबर पालन-पोषण हो, पिछड़े हुए बच्चों की मदद की जानी चाहिए, बच्चों को आजीविका के तरीके सिखाना और भविष्य के लिए तैयार करना ये सभी महत्वपूर्ण बातें हैं, जो हर बच्चे के लिए बहुत अतिआवश्यक है, जिस उद्देश्य से यह दिवस मनाया जाता है.

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