भोजपुर: बिहार के आरा सिविल कोर्ट ने भारतीय जनता पार्टी के पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष विश्वेश्वर ओझा हत्याकांड में आज अहम फैसला सुनाया है. एडीजे 8 नीरज किशोर की कोर्ट ने इस हत्याकांड में शामिल कुल 13 आरोपियों में से दो मुख्य अभियुक्त ब्रजेश मिश्रा और उसके भाई हरेश मिश्रा को विश्वेश्वर ओझा की हत्या करने में दोषी पाया गया है. जबकि इस कांड में शामिल अन्य 5 अभियुक्तों को बीजेपी नेता की हत्या में साथ देने के मामले में कोर्ट ने दोषी करार किया है.
विश्वेश्वर हत्याकांड में 2 मुख्य आरोपी दोषी : सजा के बिंदु पर कोर्ट अगली तारीख पर अपना फैसला सुनाएगा. वहीं कोर्ट ने ओझा हत्याकांड के प्राथमिकी में दर्ज 6 आरोपियों को भी साक्ष्य के आभाव में इस केस से बरी कर दिया है. इधर बहुचर्चित हत्याकांड के इस फैसले में सुनवाई को लेकर कोर्ट परिसर में काफी भीड़ भाड़ भी थी. जिसके मद्देनजर देखते हुए पूरे कोर्ट परिसर को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया था. ताकि फैसला आने के बाद किसी प्रकार का हो हंगामा ना हो.
2016 को हुई थी हत्या: दरअसल शाहपुर विधानसभा क्षेत्र के बीजेपी के कद्दावर नेता और बिहार प्रदेश के पूर्व उपाध्यक्ष विश्वेश्वर ओझा की हत्या 12 फरवरी 2016 को देर शाम शाहपुर थाना क्षेत्र के सोनवर्षा बाजार पर उस वक्त हत्या कर दी गई थी. जब वो अपनी फोर व्हीलर गाड़ी से एक शादी समारोह में सिरकत कर अपने घर लौट रहे थे. इसी बीच दर्जनों की संख्या में पहले से घात लगाए हथियारबंद बदमाशों ने उन पर अंधाधुंध फायरिंग कर उन्हें गोलियों से छलनी कर मौत के घाट उतार दिया था.
केस दर्ज कर चल रही थी सुनवाई : इस हत्या के बाद पूरे इलाके में दहशत का माहौल कायम हो गया था. जिसके बाद पुलिस ने इस कांड में मृतक बीजेपी नेता के परिजनों के द्वारा शाहपुर थाने में कांड संख्या 48/16 में दर्ज कराई गई. प्राथमिकी में ब्रजेश मिश्रा और उनके भाई हरेश मिश्रा सहित करीब 13 लोगों को नामजद अभियुक्त बनाया था. कोर्ट ने हाई प्रोफाइल मर्डर मिस्ट्री में 402/18 और 390/16 दो सेशन ट्रायल के तहत मुकद्दमे में सुनवाई करते हुए मुख्य आरोपी बृजेश मिश्रा को 402/18 सेशन ट्रायल में आईपीसी की धारा 302,307 और 27 आर्म्स एक्ट मामले में दोषी पाया है.