वाराणसीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी को अबतक का सबसे बड़ा तोहफा दिया है. मालवीय ब्रिज के पास अब सिग्नेचर ब्रिज बनाए जाने की प्रक्रिया पटरी पर आ गई है. इसको लेकर डिटेल डिटेल डिजाइन का काम जल्द ही शुरू किया जाएगा. इसके बाद निर्माण कार्य को लेकर टेंडर निकाला जाएगा. इस पूरी प्रक्रिया को लेकर बनारस में आज बैठक हुई है, जिस पर चर्चा की गई है. सिग्नेचर ब्रिज बनारस के व्यापार को बढ़ाने में काफी मददगार साबित होगा.
रेलवे बोर्ड के सदस्य ने किया निरीक्षण: सिग्नेचर ब्रिज के निर्माण कार्य को आगे बढ़ाने के लिए लखनऊ से रेलवे बोर्ड के मेंबर ऑफ इंफ्रा नवीन गुलाटी वाराणसी पहुंचे थे. उन्होंने वाराणसी रेलवे स्टेशन के निरीक्षण के साथ ही राजघाट पुल का भी निरीक्षण किया. इसके साथ ही अधिकारियों के साथ एक बैठक कर सिग्नेचर ब्रिज के निर्माण कार्य की प्रक्रिया को लेकर भी चर्चा की गई. उनका कहना है कि ब्रिज के डिटेल डिजाइन में सड़क मार्ग से लेकर काशी स्टेशन और पूरे ब्रिज का डिजाइन शामिल है. इसके लिए टेंडर निकाला जाएगा.
काशी स्टेशन के विकास का चल रहा काम:नवीन गुलाटी ने बताया कि, मालवीय ब्रिज के बगल में जो नए ब्रिज का प्रस्ताव है उसे कैबिनेट से स्वीकृति मिल चुकी है. हम इसपर आगे इसके डिटेल डिजाइन और निर्माण की प्रक्रिया शुरू करेंगे. पहले हम इसकी डिटेल डिजाइन बनाएंगे और फिर इसके निर्माण की प्रक्रिया शुरू करेंगे, जिससे यातायात को सुचारु रूप से चलाने में सहायता मिले. इसी के तीसरी और चौथी लाइन का भी काम होगा. काशी स्टेशन का डेवलपमेंट जोकि इससे जुड़ा हुआ है, वह भी साथ ही होगा. वहां पर काम शुरू भी कर दिया गया है. फाउंडेशन का काम इस समय चल रहा है.
डिटेल डिजाइन का निकाला जाएगा टेंडर:उन्होंने बताया कि कुछ अंडर ब्रिज हैं, जिनका विस्तार करना है. उस पर भी चर्चा की गई है. इसका काम जल्द ही शुरू किया जाएगा. पहले हम इसके डिटेल डिजाइन का टेंडर करेंगे. इसके बाद हमें पता चलेगा कि ब्रिज के डिजाइन में क्या-क्या होना है. फिर इसके बाद हम उसके आधार पर निर्माण का टेंडर आगे बढ़ाएंगे. बनारस कैंट स्टेशन का डेवलपमेंट प्रस्तावित है और बहुत जल्द ही हम इसका मास्टर प्लान अप्रूव करके इस पर काम करेंगे. निश्चित तौर पर जो अभी यात्री सुविधाएं हैं, उनमें बढ़ोतरी होगी. आने वाले समय में यात्री सुविधाओं में बढ़ोतरी देखने को मिलेगी.
12 मीटर का बन रहा फुटओवर ब्रिजःनवीन गुलाटी ने बताया कि बनारस कैंट स्टेशन समय के साथ आगे बढ़ा है. इसका कोई स्ट्रक्चरल प्लान नहीं बना था. हम इसका एक प्लान बनाएंगे, जिसमें लोगों के खाने, बैठने की जगह के साथ प्लेटफॉर्म पर जाने का स्थान ये सब व्यवस्थित रूप में हो. पहले से बेहतर स्थिति में हो, इसपर काम चल रहा है. 12 मीटर के एक और फुटओवर ब्रिज पर काम चल रहा है. हम एक प्लान के साथ पूरी व्यवस्था को सही करने जा रहे हैं. इन सब चीजों के तैयार होने के बाद आगे फिर किसी और चीज की कमी नहीं लगेगी.
देश का पहला सिग्नेचर ब्रिज दिल्ली में बना है: आपको बता दें कि काशी में जिस सिग्नेचर ब्रिज को बनाने की तैयारी हो रही है, वैसा पुल सबसे पहले देश में दिल्ली के वजीराबाद में बना है. इसका निर्माण 4 नवंबर 2018 में पूरा हुआ था. इस पुल की खासियत यह है कि इसमें 4-4 लेन के दो हिस्से हैं. इन पर आसानी से वाहन गुजरते हैं. इस पुल की लंबाई 675 मीटर है. यह पुल देखने में बेहद खूबसूरत नजर आता है.