बहराइच: यूपी के बहराइच के महाराजगंज कस्बे में दुर्गा मूर्ति विसर्जन की शोभायात्रा के दौरान हुए सांप्रदायिक हिंसा में एक युवक रामगोपाल मिश्रा की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इस घटना के दूसरे दिन पूरे इलाके में हिंसा भड़क उठी और दंगाइयों ने कई घरों, दुकानों में आग लगाते हुए जमकर तोड़फोड़ की. जिससे पूरे इलाके में माहौल तनावपूर्ण हो गया था. बहराइच से लेकर लखनऊ तक हड़कंप मच गया. शासन और प्रशासन की मुस्तैदी के बाद हिंसा पर काबू पाया गया. हालांकि अब हालात सामान्य हो रहे हैं. पुलिस ने रामगोपाल हत्याकांड में शामिल 5 आरोपियों सहित दोनों पक्षों से अबतक 103 लोगों को गिरफ्तार किया है.
वहीं इस सांप्रदायिक हिंसा को लेकर सियासत भी जमकर हो रही है. दोनों तरफ से आरोप प्रत्यारोप का सिलसिला जारी है. इस बीच महसी के महाराजगंज में 13 अक्टूबर को आखिर क्या हुआ था? क्यों दुर्गा विसर्जन की यात्रा पर पथराव हुआ, इसके पीछे की असल वजह क्या थी? इसे लेकर हिन्दू और मुस्लिम दोनों पक्षों की ओर से प्रतिक्रिया सामने आई है. चश्मदीदों ने बातचीत में बताया कि असल में उस दिन क्या हुआ था.
मुस्लिम पक्ष की प्रतिक्रिया:मीडियाकर्मी जब हिंसा की असली वजह की तलाश में इलाके के मुस्लिम समुदाय के लोगों से बात की तो चश्मदीदों ने आरोप लगाया कि, उस दिन दुर्गा मूर्ति विसर्जन यात्रा के दौरान डीजे पर आपत्तिजनक गाने बज रहे हैं, जिसमें हमारे धर्म का अपमान करने की कोशिश की जा रही थी. जब उन लोगों को रोका गया तो एक युवक राम गोपाल ने अब्दुल हमीद के घर पर चढ़कर हमारे धार्मिक झंडे को उतार दिया. जिसके बाद वहां पथराव होने लगा. जिसका खामियाजा हम आज तक भुगत रहे हैं.