आजमगढ़ः शहर कोतवाली व एसओजी की संयुक्त टीम द्वारा सोमवार को बाग लखराव पुल के पास से प्रतियोगी परीक्षाओं के अंतर्राज्यीय साल्वर गैंग के सरगना आरोपी समेत चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है. आरोपियों के पास से एक कार, छह मोबाइल, एक कूटरचित आधार कार्ड, तीन एडमिट कार्ड व एक प्रश्न पुस्तिका बरामद हुआ हैं. वहीं, छह आरोपी अभी फरार हैं. फरार आरोपियों में चार बिहार और दो गाजीपुर के हैं.
पुलिस अधीक्षक हेमराज मीणा ने बताया कि साल्वर गैंग के संगठित गिरोह का पर्दाफाश किया है. गिरोह के सदस्यों के साथ मिलकर पूर्व से ही फर्जी तरीके से प्रतियोगी परीक्षाओं में परीक्षार्थी के स्थान पर साल्वर को बैठाते थे. एसपी ने बताया कि पकड़े गए आरोपी गाजीपुर निवासी रामप्रवेश यादव ने बताया कि दुर्गेश तिवारी बिहार के साथ मिलकर उत्तर प्रदेश में प्रतियोगी परीक्षाओं में परीक्षार्थियों के स्थान पर बैठने के लिए साल्वर की व्यवस्था कराता है. इस कार्य में विक्की कुमार की सहायता से परीक्षार्थियों के आधार कार्ड में फोटो परिवर्तित कराकर साल्वर को बैठने के लिए भेजता है. 2021 से पहले सरकारी नौकरी दिलाने के लिए लोगों को फंसाता था और उनसे डील करके उनके स्थान पर साल्वर को बैठाकर परीक्षा दिलवाता था. विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में अभ्यर्थियों के स्थान पर साल्वर बैठाकर फर्जी तरीके से नौकरी दिलाने का कार्य सभी लोग मिल करते हैं.
एक पेपर दिलाने के लिए 10 लाख में करते थे डीलःआरोपी ने बताया किप्रतियोगी परीक्षाओं में परीक्षार्थी के स्थान पर साल्वर को बैठाने के नाम पर लगभग 10 लाख रुपये में डील तय होती थी. इसमें से दो लाख रुपये परीक्षा देने से पहले और शेष परीक्षा देने के बाद लिए जाते थे. इस काम में दुर्गेश तिवारी मुख्य भूमिका अदा करता था. दुर्गेश तिवारी बिहार से साल्वर व फर्जी आधार कार्ड तैयार कराकर प्रतियोगी परीक्षाओं में बैठने के लिए साल्वर की व्यवस्था करता है. राम प्रवेश ने बताया कि उत्तर प्रदेश में वह, सुनील कन्नौजिया, बबलू यादव, श्रवण कुमार यादव, सूर्यकांत कुशवाहा उर्फ पिंटू प्रतियोगी परीक्षाओं के कैंडिडेट तलाश करते थे. इसके बाद परीक्षार्थियों के साथ डील कर दुर्गेश तिवारी के साथ मिलकर साल्वर बैठाते थे.