नक्सलगढ़ के दिव्यांगों को मिल रहा नया जीवन, जानिए कैसे बदल रहे हालात - new life to divyangs - NEW LIFE TO DIVYANGS
नक्सलगढ़ के दिव्यांगों को कृत्रिम अंगों से नया जीवन मिल रहा है. दंतेवाड़ा में कृत्रिम अंग निर्माण केंद्र की स्थापना के बाद से यहां के दिव्यांगजनों को अपने जीवन को संवारने में मदद मिल रही है.
दंतेवाड़ा में दिव्यांगों के लिए कृत्रिम अंग तैयार (NEW LIFE TO DIVYANGS)
दंतेवाड़ा: दंतेवाड़ा में दिव्यांगों के लिए कृत्रिम अंग तैयार बनाने के मकसद से एक केंद्र की स्थापना साल 2017 में की गई थी. उसके बाद से लगातार यहां यह केंद्र पूरे बस्तर के दिव्यांगों का जीवन बदल रहा है. यहां छत्तीसगढ़ सरकार के सहयोग से यह केंद्र चल रहा है. इस केंद्र में कृत्रिम अंग और सहायक उपकरण निर्माण किए जा रहे हैं. जिससे दव्यांगों के जीवन में नई खुशहाली आ रही है. वह अपने पैरों पर खड़े हो रहे हैं.
कई दिव्यांगों को मिली मदद: कृत्रिम अंगों से कई दिव्यांगों को मदद मिली है. दंतेवाड़ा जिला अस्पताल के परिसर में संचालित इस केंद्र ने बच्चों सहित कई लोगों को शारीरिक चुनौतियों से निपटने में मदद की है.
"केंद्र की शुरुआत 2017 में जिला कलेक्टर की पहल और छत्तीसगढ़ सरकार के सहयोग से की गई थी.दंतेवाड़ा का केंद्र पूरे छत्तीसगढ़ में प्रसिद्ध है और अब तक इसने 1400 से अधिक लोगों को कृत्रिम अंग प्रदान किए हैं.छत्तीसगढ़ के साथ-साथ मध्य प्रदेश, ओडिशा, बिहार और उत्तर प्रदेश से लोग इलाज के लिए यहां पहुंचते हैं. उचित माप लेर केंद्र में कृत्रिम अंगों को तैयार किया जाता है और उनकी मदद की जाती है":संजय बसाक, सीएमएचओ, दंतेवाड़ा
दंतेवाड़ा कृत्रिम अंग निर्माण केंद्र दे रहा खुशियां: वरिष्ठ प्रोस्थेटिक और ऑर्थोटिक्स अनिरुद्ध प्रसाद ने बताया कि" दंतेवाड़ा का कृत्रिम अंग निर्माण केंद्र लोगों को खुशिया दे रहा है. इससेंटर की लोकप्रियता लगातार बढ़ती जा रही है. जिला कलेक्टर मयंक चतुर्वेदी के सहयोग से इस सेंटर को और आगे बढ़ाने के लिए कार्य किए जा रहे हैं. रायपुर माना सेंटर के बाद यह प्रदेश का दूसरा सबसे बड़ा सेंटर है."