जयपुर.जिला उपभोक्ता आयोग, चतुर्थ ने पीआरएन में भूखंड देने से जुड़े मामले में सुप्रीम कोर्ट तक केस हारने के बाद भी 11 साल में आयोग के आदेश की पालना नहीं करने पर जेडीए सचिव हेमपुष्पा शर्मा के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है. आयोग ने गांधी नगर एसएचओ को निर्देश दिया है कि वे सचिव को गिरफ्तार कर 12 अगस्त को आयोग के समक्ष पेश करें. वहीं आयोग ने जेडीसी मंजू राजपाल को भी 10 हजार रुपए के जमानती वारंट से 12 अगस्त को तलब किया है और वारंट के तामील की जिम्मेदारी गांधीनगर एसएचओ को दी है. आयोग ने यह आदेश परिवादी शम्भूदयाल अग्रवाल के प्रार्थना पत्र पर दिया.
प्रार्थना पत्र में बताया कि परिवादी पीआरएन का सफल आवंटी है, लेकिन उसे पीआरएन में भूखंड का कब्जा नहीं दिया. जिस पर उसने उपभोक्ता आयोग में परिवाद दायर किया. आयोग ने 26 जुलाई, 2013 को फैसला देते हुए जेडीए पर 2500 रुपए हर्जाना लगाते हुए निर्देश दिया कि वह परिवादी को पीआरएन में ही भूखंड दे. जेडीए ने आदेश की पालना करने की बजाय इसे राज्य उपभोक्ता आयोग और बाद में राष्ट्रीय उपभोक्ता आयोग में चुनौती दी, लेकिन दोनों ही जगह पर जेडीए हारा और जिला उपभोक्ता आयोग का फैसला बरकरार रखा गया.