चंडीगढ़: हरियाणा के जिला पंचकूला के पिंजौर मंडी में 15 जुलाई से सेब की आवक शुरू हो जाएगी. सेब की विभिन्न किस्में यहां देखने को मिलेंगी. नतीजतन सेब के व्यापारी खरीद और स्टोरेज संबंधी तैयारियों में जुटे हैं. लेकिन इस बार सेब के दामों में शुरुआती चरण से लेकर अंत तक उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है. क्योंकि जिला पंचकूला से सटे हिमाचल प्रदेश में कई जगहों पर बारिश के चलते सेब की फसल प्रभावित हुई है.
हरियाणा-पंजाब व चंडीगढ़ में सप्लाई: हिमाचल प्रदेश से सेब की आवक सीधे पंचकूला के पिंजौर की मंडी में होगी. यहीं से चंडीगढ़ और पंजाब में भी सेब सप्लाई होता है. ट्रांसपोर्टेशन पर आने वाली लागत समेत उठान और स्टोरेज के आधार पर कारोबारी सेब का रेट तय करते हैं. हालांकि सेब के दाम रोजाना ऊपर-नीचे होते हैं. लेकिन इस बार बारिश के चलते उत्पादन प्रभावित होने से यह अंतर बीते वर्षों के मुकाबले कुछ अधिक देखने को मिल सकता है.
किन्नौरी सेब की रहती है अधिक मांग:हिमाचल प्रदेश से यहां सेब की विभिन्न किस्में पहुंचती हैं. लेकिन लोगों को सबसे अधिक इंतजार हिमाचल प्रदेश के जिला किन्नौर के सेब का रहता है. किन्नौर हिमाचल प्रदेश के सबसे ठंडे जिलों में से एक है. यहां बर्फ के ग्लेशियर से निकले पानी से सिंचाई की जाती है. सेब में रासायनिक छिड़काव का इस्तेमाल भी काफी कम किया जाता है. यहां का सेब अपनी प्राकृतिक मिठास, रंग, रसीले, कुरकुरे और लंबे समय तक शेल्फ जीवन के लिए जाना जाता है. इसी कारण मंडियों में किन्नौरी सेब की मांग अधिक रहती है.