लखनऊःबेसिक शिक्षा विभाग के प्राथमिक विद्यालयों में पढ़ने वाले करीब एक करोड़ 90 लाख छात्रों में से 31 लाख छात्रों के आधार कार्ड में गड़बड़ी होने के कारण डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर में दिक्कत आ रही है। इससे बच्चों को यूनिफॉर्म, स्कूल बैग, स्टेशनरी और जूते-मोजे के लिए हर साल मिलने वाले 1200 रुपये का भुगतान लटका हुआ है.
वहीं दूसरी तरफ आधार में नाम, पता सही नहीं होने से बेसिक शिक्षा ऑटोमेटिक परमानेंट एकेडमिक अकाउंट रजिस्ट्री (अपार) आईडी बनाने में भी दिक्कतें आ रही हैं. बच्चों के आधार को सही करने के लिए शिक्षकों द्वारा कई बार शासन को पत्र लिखा गया. साथ ही गांवों में आधार संशोधन करने के लिए सरकार से विशेष सुविधा देते हुए कैंप लगाने की मांग की.
आधार अपडेट नहीं होने से सुविधाओं से वंचित हैं छात्र:बेसिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष सुधांशु मोहन ने बताया कि पूरे प्रदेश में करीब 31 लाख से अधिक छात्रों के आधार में दिक्कत है. इसके कारण इन छात्रों की जानकारी बेसिक शिक्षा विभाग को नहीं मिल पा रही है. विद्यालयों में एडमिशन के समय छात्रों का नाम रजिस्टर पर लिखा जाता है. इसके बाद छात्रों की डिटेल पोर्टल पर अपलोड की जाती है. कई छात्र ऐसे भी होते हैं जिनके आधार और रजिस्टर में दर्ज डिटेल में भिन्नता होती है.
बार-बार उनके अभिभावकों को कहने के बाद भी वह आधार अपडेट नहीं करते हैं. इसी का नतीजा है कि लाख कोशिशों के बाद भी प्रदेश में 31 लाख से अधिक छात्रों का आधार अपग्रेडेशन की प्रक्रिया अभी भी लंबित पड़ी हुई है.
31 लाख छात्रों को नहीं मिला पैसा:बेसिक शिक्षा विभाग के ओर से जारी डाटा के अनुसार, प्रदेश में एक लाख 25 हजार प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालय हैं. इन विद्यालयों में करीब 1 करोड़ 90 लाख से अधिक छात्र-छात्राएं अध्यनरत हैं.
हर साल सरकार डीबीटी के माध्यम से छात्रों के पेरेंट्स खाते में 1200 रुपये यूनिफार्म, जूता-मौज आदि चीज खरीदने के लिए भेजती है. इन 1 करोड़ 90 लाख छात्रों में से 31 लाख छात्र ऐसे हैं, जिन्हें शैक्षणिक सत्र 2024-25 में डीबीटी के माध्यम से 1200 रुपये नहीं भेजा गया है.
इसका मुख्य कारण बच्चों के पिता के बैंक अकाउंट और आधार का लिंक ना होना है. साथ ही बच्चों के आधार में भी कोई ना कोई कमी है. लखनऊ में बेसिक शिक्षा विभाग के 1600 विद्यालय हैं, जहां पर करीब 2 लाख से अधिक छात्र अध्यनरत हैं.
इनमें से सत्र 2024-25 में 15000 छात्रों को अभी तक डीबीटी के माध्यम से पैसा नहीं भेजा जा सका है. जबकि उनके अभिभावकों को संबंधित विद्यालयों के शिक्षकों द्वारा कई बार आधार संशोधन करने के लिए बताया जा चुका है.