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सरकारी स्कूलों में नहीं पहुंचे प्रश्न पत्र, राजकीय प्राथमिक पाठशालाओं में बिना प्रश्न पत्र से शुरू हुई वार्षिक परीक्षाएं

हरियाणा के करनाल में राजकीय प्राथमिक पाठशालाओं में बिना प्रश्न पत्र के ही वार्षिक परीक्षाएं शुरू कराने का मामला सामने आया है. परीक्षा शुरू होने तक सरकारी स्कूलों में प्रश्न पत्र ही नहीं पहुंचा था ऐसे में बिना प्रश्न पत्र के एग्जाम शुरू करा दिया गया.

Annual examinations without question papers in government primary schools in Karnal
करनाल में सरकारी स्कूलों में नहीं पहुंचे प्रश्न पत्र.

By ETV Bharat Haryana Team

Published : Mar 15, 2024, 7:17 AM IST

करनाल: हरियाणा का करनाल जिले के घरौंडा कस्बे में शिक्षा विभाग द्वारा सरकारी स्कूलों में पांचवी कक्षा शुरू हुई वार्षिक परीक्षा को लेकर एक बड़ी लापरवाही सामने आई है. क्षेत्र के अधिकांश स्कूलों में प्रश्न पत्र नहीं मिलने या कम संख्या में मिलने से स्कूलों में अफरा तफरी का माहौल देखने को मिला. छात्र परीक्षा देने के लिए कतार में बैठे प्रश्न पत्र का इंतजार कर रहे. वहीं, विभाग की तरफ से अध्यापकों के मोबाइल पर प्रश्न पत्र की सॉफ्ट कॉपी भेजी गई, ताकि वे इसे प्रिंट करवा सकें.

बिना प्रश्न पत्र वार्षिक परीक्षा!: मामला घरौंडा के गवर्नमेंट मॉडल संस्कृति प्राइमरी स्कूल का है जहां पर गुरुवार को प्राइमरी स्कूल के बच्चे पेपर देने के लिए स्कूल में पहुंचे थे, लेकिन स्कूल प्रशासन के द्वारा उनका पेपर नहीं दिए गए क्योंकि यहां पर कम संख्या में पेपर पहुंचे. चौथी कक्षा के छात्र ने कहा "हम सभी पेपर देने के लिए लाइन में बैठे हुए हैं. हमारी हिंदी की परीक्षा है, लेकिन बहुत से बच्चों को पेपर नहीं दिया गया. उन्होंने इस पेपर के लिए बहुत ज्यादा इंतजार किया, लेकिन प्रश्न पत्र नहीं बांटा गया. शिक्षक ने कहा कि थोड़ी देर बाद पेपर दिया जाएगा."

राजकीय प्राथमिक पाठशालाओं में बिना प्रश्न पत्र से शुरू हुई वार्षिक परीक्षाएं.

जिला शिक्षा विभाग की दलील: स्कूल की प्रधानाचार्य ने कहा कि बुधवार को भी स्कूल में स्कूल में कई क्लास के पेपर नहीं पहुंचे थे. गुरुवार को भी प्रश्न पत्र बहुत कम पहुंचे हैं, जिसकी वजह से बच्चों को पेपर देने में परेशानी हो रही है. पेपर देने का समय 9:00 से 11:00 तक है, लेकिन प्रश्न कम होने और समय पर नहीं पहुंचने के चलते बच्चों का समय निकलता जा रहा है. इससे शिक्षकों को भी परेशानी हो रही है. स्कूल में 329 बच्चे पढ़ते हैं जिसके चलते हैं बच्चों को और स्टाफ को काफी परेशानी हो रही है. वहीं, अगर बात जिला शिक्षा विभाग के द्वारा स्कूल को सॉफ्ट कॉपी भेजी गई है. हार्ड कॉपी की संख्या कम है. इसलिए अब स्कूल का स्टाफ सॉफ्ट कॉपी से फोटो स्टेट तैयार करके बच्चों को पेपर बंटेगा ताकि वह पेपर दे सकें.

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