प्रयागराज: पीसीएस जे मुख्य परीक्षा 2022 की उत्तर पुस्तिकाएं बदले जाने के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने याची श्रवण पांडे के अधिवक्ता को अपनी संशोधन अर्जी वापस लेने का निर्देश दिया है. कोर्ट ने कहा है कि संशोधन अर्जी वापस लेकर नए सिरे से इसे तैयार कर अदालत में दाखिल किया जाए जबकि लोक सेवा आयोग की ओर से दाखिल हलफनामे पर कोर्ट ने याची को जवाब दाखिल करने की मोहलत दी है. सोमवार को इस मामले में पक्षकार बने अन्य अभ्यर्थियों की ओर से भी शपथ पत्र दाखिल किए गए.
मामले की सुनवाई कर रही न्यायमूर्ति एस डी सिंह और न्यायमूर्ति डी रमेश की खंडपीठ ने अगली की सुनवाई के लिए 4 अक्टूबर की तिथि नियत की है. इससे पूर्व लोक सेवा आयोग द्वारा हाईकोर्ट के पूर्व के आदेश के अनुपालन में हलफनामा दाखिल किया गया.
गौरतलब है कि पीसीएस जे 2022 की मुख्य परीक्षा में कुछ अभ्यर्थियों की उत्तर पुस्तिकाएं आपस में अदला-बदली होने का मामला सामने आने के बाद हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है जिसके बाद आयोग ने कार्रवाई करते हुए परिणाम संशोधित कर दिया तथा दो चयनित अभ्यर्थियों को चयन सूची से बाहर करते हुए दो नए अभ्यर्थियों को चयन सूची में शामिल करने की संस्तुति कर दी. इसे गंभीरता से लेते हुए हाईकोर्ट ने राज्य सरकार और लोक सेवा आयोग से उसकी अधिकारिकता को लेकर सवाल उठाए हैं. तथा राज्य सरकार से यह भी पूछा है कि आयोग की संस्तुति पर उसका क्या रुख है. इस मामले पर आयोग की ओर से दाखिल हलफनामे पर कोर्ट ने याची के अधिवक्ता को अपना उत्तर दाखिल करने के लिए कहा है.
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