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अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष ने जताई नाराजगी, महंत रविंद्र पुरी ने कहा- साधु संतों का किया अपमान

Mahant Ravindra Puri reaction : अखाड़ा परिषद और अधिकारियों की बैठक के बीच मारपीट के बाद स्वामी प्रसाद मौर्य ने दिया विवादित बयान.

स्वामी प्रसाद मौर्य के विवादित बयान के बाद अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रविंद्र पुरी ने जताई नाराजगी
स्वामी प्रसाद मौर्य के विवादित बयान के बाद अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रविंद्र पुरी ने जताई नाराजगी (Photo credit: ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Nov 8, 2024, 5:26 PM IST

Updated : Nov 8, 2024, 10:30 PM IST

प्रयागराज :संगम नगरी प्रयागराज में गुरुवार को अखाड़ा परिषद और अधिकारियों की बैठक के बीच मारपीट के बाद नेताओं की टिप्पणी को लेकर साधु-संतों ने कड़ी प्रतिक्रिया जताई है. राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वामी प्रसाद मौर्य की टिप्पणी के बाद अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रविंद्र पुरी ने नाराजगी जाहिर की है.

अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष ने जताई नाराजगी (Video credit: ETV Bharat)

स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान को लेकर अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रविंद्र पुरी ने कहा कि इस तरीके का बयान देकर सनातनियों का अपमान किया है, साधु संतों का अपमान किया है, जितने बड़े-बड़े हमारे संत हैं, उनका अपमान किया है. हम उनका अपमान नहीं करना चाहते. मैं चाहता हूं और भगवान से विनती करता हूं भगवान उनको सद्बुद्धि दें और उनका भविष्य सुधर जाए. वह बहुत परेशान हैं.

वह आजकल किसी पार्टी के नहीं हैं, घूम रहे हैं, यहां से वहां. वह सोचते हैं कि शायद मुझे इससे कोई लाभ हो जाए, परंतु लाभ मिलने वाला नहीं है. जो भगवान का विरोध करता है, उसका भगवान स्वत: विरोध करता है, इसलिए मैं यह चाहता हूं कि उसके विषय में कोई बात ना बोलूं क्योंकि वह अभी रोड पर घूम रहा है और उसके दिन अच्छे नहीं हैं. परंतु जो कल की घटना घटी वह दुर्भाग्यपूर्ण है. हमारे संत महाराज हैं उसकी गलती की वजह से ऐसा हुआ है. हम सभी संत महात्मा पूजा पाठ में लगे हुए थे.

सपा सांसद डिंपल यादव के महाकुंभ में गैर हिन्दुओं के दुकान लगाने न देने के बयान पर अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रविंद्र पुरी ने जमकर हमला बोला है. उन्होंने कि संतों को अच्छे से याद है, जब उनकी पार्टी ने नेता आजम खान को हिंदुओं के सबसे बड़े मेले महाकुंभ का प्रभारी बना दिया था. उन्होंने कहा कि कि उनके ससुर ने राम भक्तों के साथ अयोध्या में क्या किया ये बताने की जरूरत नहीं है. डिम्पल यादव को अपना बयान वापस लेना चाहिए.

असदुद्दीन ओवैसी के भाई के बयान पर अखाड़ा परिषद ने किया पलटवार :महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में एआईएमआईएम के मुखिया लोकसभा सांसद असदुद्दीन ओवैसी के भाई अकबरुद्दीन ओवैसी के बयान पर अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी ने कड़ा एतराज जताया है. ओवैसी के भाई ने हाल ही में विवादित बयान दिया है, जिस पर प्रतिक्रिया देते हुए अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रविंद्र पुरी ने कहा कि अकबरुद्दीन ओवैसी कई बार इस तरह का विवादित बयान दे चुके हैं. यही नहीं उन्होंने कहा कि हिंदू सनातनियों की बात तो छोड़िए अगर हम नागाओं को एक बार छोड़ दिया जाए तो उनका क्या हाल होगा, यह वो सोच भी नहीं सकते हैं. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अखाड़ा परिषद और संत महात्मा अकबरुद्दीन ओवैसी को गंभीरता से नहीं लेते हैं. इस तरह का बयान वो बौखलाहट में दे रहे हैं.

महाराष्ट्र में बनने जा रही है भाजपा की सरकार :महंत रविंद्र पुरी ने कहा कि महाराष्ट्र में भाजपा की सरकार बनने जा रही है और वहां भाजपा का माहौल बनता देख ओवैसी जैसे लोग बौखला गए हैं. अकबरुद्दीन ओवैसी जैसे लोग भाजपा की बढ़ती लोकप्रियता से परेशान हैं क्योंकि उनकी महाराष्ट्र से राजनीति समाप्त होने वाली है, जिस कारण बौखलाहट में इस तरह के बयान देने के हथकंडे अपनाए जा रहे हैं.

भारत से अमेरिका तक मोदी की लहर :अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष ने असदुद्दीन ओवैसी के भाई अकबरुद्दीन ओवैसी के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए यह भी बताया कि प्रधानमंत्री मोदी की लहर अमेरिका तक पहुंच गई है. अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रविंद्र पुरी ने कहा कि अमेरिका में अब ट्रंप भी राष्ट्रपति बन चुके हैं, इसलिए ओवैसी बंधुओं की दुकानदारी बंद होने वाली है, जिस कारण चिंतित और परेशान होकर वो इस तरह के अनर्गल बयानबाजी कर रहे हैं.

अखाड़ा परिषद के दो गुटों में हुआ समझौता :प्रयागराज में गुरुवार को महाकुंभ से पहले अखाड़ा परिषद के दो गुटों में गुरुवार को हुई मारपीट के मामले में शुक्रवार की शाम को समझौता हो गया. प्रयागराज मेला प्राधिकरण के दफ्तर में हुई मारपीट की घटना के 24 घंटे बाद आपस मे दोनों पक्षों ने समझौता कर लिया. अखाड़ों के दोनों गुटों के बीच समझौता करवाने में पुलिस प्रशासन के अफसरों ने भी अहम किरदार निभाया है और समझौता होने से अफसरों ने भी राहत की सांस ली है. महाकुम्भ एडीएम विवेक चतुर्वेदी ने बताया कि विवाद पूरी तरह से खत्म हो चुका है. अखाड़े के दोनों ही पक्ष अब किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं करवाना चाहते हैं. एडीएम मेला ने यह भी बताया कि संत महात्माओं ने अखाड़े की मर्यादा और सनातन धर्म की परंपरा को कायम रखने के लिए सुलह कर ली है. दोनों गुट इस बात पर सहमत हुए हैं कि 2025 का महाकुंभ एक साथ मिलकर दिव्यता और भव्यता के साथ करेंगे. एडीएम कुंभ मेला विवेक चतुर्वेदी के अनुसार, दोनों गुटों के संतों ने मेले में छावनी स्थापित करने के लिए जगह भी देख ली है और दोनों छावनी बनाने के लिए भी तैयार भी हो गए हैं.

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Last Updated : Nov 8, 2024, 10:30 PM IST

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