चंडीगढ़ :हरियाणा में हीमोफीलिया और थैलेसीमिया से पीड़ित लोगों को दी जाने वाली पेंशन के लिए आयु सीमा को समाप्त कर दिया गया है. हरियाणा की स्वास्थ्य मंत्री आरती राव ने हरियाणा सरकार के इस बड़े फैसले की जानकारी दी है.
पेंशन के लिए आयु सीमा हटाई :हरियाणा की स्वास्थ्य मंत्री आरती सिंह राव ने जानकारी देते हुए बताया कि प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं की बेहतरी के लिए पिछले 100 दिनों में सरकार ने कई बड़े फैसले किए हैं. हरियाणा में अब हीमोफीलिया और थैलेसीमिया से पीड़ित मरीज़ों को दी जाने वाली पेंशन के लिए आयु सीमा को समाप्त कर दिया गया है. स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि दोनों बीमारियों से पीड़ित मरीज़ों को 3,000 रुपए प्रति माह पेंशन दी जाएगी. ये पेंशन किसी भी अन्य पेंशन के अतिरिक्त होगी.
पेंशन के तहत मिलते हैं 3000 रुपए प्रति माह :आपको बता दें कि हरियाणा में 3 लाख रुपए प्रति वर्ष तक पारिवारिक आय वाले थैलेसीमिया और हीमोफीलिया से पीड़ित मरीजों को विकलांगता पेंशन दी जाती है जिसमें 3000 रुपए प्रतिमाह मिलते हैं. हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने अपनी अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में “हरियाणा दिव्यांग पेंशन नियम, 2016” के अंतर्गत थैलेसीमिया और हीमोफीलिया रोगों को शामिल करने को मंजूरी दी थी. इस फैसले के जरिए हीमोफीलिया और थैलेसीमिया के मरीज़ों को विकलांगता पेंशन का लाभ देना था ताकि इन पर पड़ने वाले वित्तीय बोझ को कम किया जा सके. स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट (2002) के मुताबिक हरियाणा में थैलेसीमिया के लगभग 1300 मामले और हीमोफीलिया के लगभग 783 मामले हैं
हीमोफीलिया क्या है ? :हीमोफीलिया एक आनुवंशिक बीमारी है जिसकी वजह से खून का थक्का बनने की क्षमता कम हो जाती है. इस बीमारी में चोट लगने पर खून का बहना सामान्य से ज़्यादा समय तक होता है. हीमोफीलिया से पीड़ित लोगों को चोट लगने पर खून रोकना मुश्किल हो जाता है.