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दिल्ली के चिड़ियाघर में 'शंकर' हाथी बंधन से मुक्त, उसके लिए फीमेल पार्टनर की तलाश जारी - DELHI ZOO AFRICAN ELEPHANT SHANKAR

चिड़ियाघर में अफ्रीकी हाथी शंकर न सिर्फ तनाव मुक्त हुआ, बल्कि जंजीर से भी मुक्त कर दिया गया है.

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अफ्रीकी हाथी 'शंकर' को दिल्ली के चिड़ियाघर में जंजीर से किया गया मु (Etv Bharat)

By ETV Bharat Delhi Team

Published : Oct 12, 2024, 1:15 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली के नेशनल जूलॉजिकल पार्क में इकलौते अफ्रीकी हाथी शंकर को हाल ही में जंजीर से मुक्त कर दिया गया है. केंद्रीय मंत्री ने सोशल मीडिया पर शंकर का वीडियो साझा किया. सिंह ने कहा, अत्यंत प्रसन्नता हो रही है कि दिल्ली के चिड़ियाघर में अफ्रीकी हाथी शंकर न सिर्फ तनाव मुक्त हुआ, बल्कि जंजीर से भी मुक्त कर दिया गया है.

शंकर, जो कि अकेला है, हाल ही में हीट अवस्था में होने के कारण उग्र हो गया था. उसकी सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए उसे जंजीर से बांधा गया था. हालांकि, इस निर्णय से वर्ल्ड एसोसिएशन ऑफ जू एंड क्वेरिएम (वाजा) द्वारा दिल्ली चिड़ियाघर की सदस्यता रद्द कर दी गई थी, जो इस तरह के प्रथाओं के खिलाफ है.

शंकर की देखरेख और स्वास्थ्य:केंद्रीय राज्य मंत्री कीर्तिवर्धन सिंह ने बताया कि शंकर के स्वास्थ्य, आहार और व्यवहार पर पिछले 48 घंटे से विशेष निगरानी रखी गई थी. इस निगरानी में चिड़ियाघर की टीम, गुजरात से आई वनतारा की टीम और दक्षिण अफ्रीका के हाथी विशेषज्ञ डॉ. एड्रियन शामिल थे. इन विशेषज्ञों ने शंकर के बाड़े का निरीक्षण भी किया और सकारात्मक बदलाव देखने को मिलने लगे हैं.

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शंकर के बाड़े को सुविधाजनक बनाने के लिए आवश्यक सुधार कार्य भी किए गए हैं, जैसे कि पॉवर फेंसिंग, ट्रीटमेंट पेन वॉल और रबड़ मैट का निर्माण. इसके अलावा, शंकर के लिए एक खास डाइट प्लान और उसे व्यस्त रखने के लिए कई गतिविधियों की रूपरेखा भी तैयार की जा रही है, ताकि वह स्वस्थ और खुशहाल रह सके.

शंकर का इतिहास:1998 में जिंबॉब्वे से भारत आए अफ्रीकी हाथियों की कहानी काफी रोचक है. तब के राष्ट्रपति शंकर दयाल शर्मा को यह उपहार मिला था, जिसमें एक हाथी का नाम शंकर रखा गया और दूसरे का नाम बिम्बई रखा गया. बिम्बई का निधन 2002 में हो गया, जिसके बाद से शंकर अकेला हो गया है. भारत के किसी भी चिड़ियाघर में फीमेल हाथियों की कमी के चलते अब तक वह किसी अन्य हाथी के साथ नहीं जोड़ा जा सका है.

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