नई दिल्लीः बेबी केयर न्यू बॉर्न अस्पताल में 7 मासूमों की मौत के बाद दिल्ली में कार्रवाई तेज हो गई है. LG वीके सक्सेना ने एंटी करप्शन ब्रांच (ACB) को प्राइवेट नर्सिंग होम के रजिस्ट्रेशन और नियामक प्रबंधन आदि की जांच करने का आदेश दिया है. दिल्ली के चीफ सेक्रेटरी को लिखे पत्र में एलजी ने कहा कि मैंने इस मामले में बहुत सख्त रुख अपनाया है. यह एक ट्रांसफर सब्जेक्ट हैं, लेकिन जनहित से व्यापक तौर पर इसके जुड़े होने की वजह से मुझे इस पर कठोर कदम उठाने पर मजबूर होना पड़ा है. गैर-जिम्मेदार अफसरों की वजह से मुझे यह कदम उठाना पड़ रहा है.
ACB यह आंकलन करेगी कि कितने नर्सिंग होम वैध पंजीकरण के बिना काम कर रहे हैं और क्या जिनके पास वैध पंजीकरण है, वे दिल्ली नर्सिंग होम पंजीकरण अधिनियम, 1953 और उसके तहत बनाए गए नियमों के तहत निर्धारित मानदंडों का अनुपालन कर रहे हैं. उन्होंने विवेक विहार अग्निकांड का जिक्र करते हुए कहा कि इस घटना ने दिल्ली के लोगों के स्वास्थ्य और जीवन से सीधे तौर पर संबंधित मामले के मंत्री पद की जिम्मेदारी संभालने वालों पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं.
एलजी ने सीएम और मंत्री पर भी निशाना साधते हुए कहा कि इतनी बड़ी त्रासदी के बाद भी वो सिर्फ दिखावटी बातें कर रहे हैं. बहाना ढूंढकर जिम्मेदारी से भाग रहे हैं. जबकि, उनको अपनी राजनीतिक अंतरात्मा को जागाना चाहिए था. LG ने कहा कि मुझे बताया गया है कि 1190 नर्सिंग होम हैं, जिनमें से एक चौथाई से अधिक बिना वैध पंजीकरण के चल रहे हैं.
उन्होंने कहा है, "शहर में कई ऐसे नर्सिंग होम हैं, जिन्होंने कभी रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन नहीं किया, लेकिन फिर भी संचालित हो रहे हैं. यहां तक कि वे नर्सिंग होम, जिनके पास वैध पंजीकरण है, वे दिल्ली नर्सिंग होम पंजीकरण अधिनियम, 1953 और उसके तहत बनाए गए नियमों के अनुसार निर्धारित सुरक्षा और नियामक मानकों को पूरा नहीं कर रहे हैं."