जोधपुर.बदलते सामाजिक परिवेश मे पारिवारिक ताना बाना छोटा पड़ता जा रहा है. यही वजह है कि एकल परिवरा बढ़ रहे हैं, खासकर शहरों में. साथ ही ऐसे परिवारों की परेशानियां भी बढ़ रही हैं. परिवार में रिश्तेदारों की कमी कुछ खास मौकों पर बेहद परेशानी भरी होती है. ऐसे मौकों में सबसे महत्वपूर्ण है परिवार में किसी की मृत्यु हो जाना और उसके बाद के रिचुअल्स, जिनके बारे में जानकारी बहुत कम लोगों को होती है. जोधपुर के कुछ लोगों ने मिलकर एक ऐसी कंपनी बनाई है, जिसका नाम है 'अंतिम सत्य' जो अंतिम संस्कार से लेकर 13 दिनों के क्रियाकर्म का काम करती है. कंपनी रूदाली की ही तरह रोने वाले लोग भी उपलब्ध करवाती है. कंपनी ने बकायदा इसके अलग-अलग पैकेज भी बनाए हैं, जिसके अनुरूप सेवा उपलब्ध करवाई जाती है. कंपनी के सहसंस्थापक गजेंद्र पारीक ने कहा कि वेबसाइट पर ट्रैफिक आ रहा है. इसके अलावा लोगों की क्वेरी भी आने लगी है. कंपनी ने दो माह में छह परिवारों के अंतिम संस्कार करवाए हैं.
संयुक्त परिवार टूटने से जरूरत :कंपनी के सहसंस्थापक गजेंद्र पारीक के अनुसार समाज में संयुक्त परिवारों का विघटन लगातार हो रहा है. संयुक्त परिवार टूटने और बड़े बुजुर्गों का साथ छूट जाने से अब लोगों को पता भी नहीं है कि, अंतिम संस्कार में कैसे रीति-रिवाज काम में लिए जाते हैं. सनातन धर्म में तो दिन का महत्व होता है. किसी की मृत्यु होने के बाद 15 दिन तक क्या- क्या कार्यक्रम होते हैं, इसकी जानकारी आज के कई एकल परिवारों को नहीं है. ऐसे में हम उनका सहयोग कर सभी तरह के क्रियाकर्म करवाते हैं.