जयपुर: दिल्ली रोड स्थित खोले के हनुमान मंदिर में रविवार को 64वें लक्खी अन्नकूट महोत्सव का आयोजन किया गया. खोले के हनुमानजी को चांदी की पोशाक धारण करवाई गई. संत महंतों के सानिध्य में हनुमान जी की महाआरती की गई. मंदिर परिसर में विराजमान श्रीराम जी, हनुमान जी, अन्नपूर्णा माता, गायत्री माता, वैष्णो माता, द्वादश ज्योतिर्लिंग समेत आसपास के करीब 61 देवालयों में अन्नकूट प्रसादी का भोग लगाया गया.
श्री नरवर आश्रम सेवा समिति प्रन्यास के अध्यक्ष गिरधारी लाल शर्मा ने बताया कि खोल के हनुमान मंदिर में रविवार को 64वां लक्खी अन्नकूट महोत्सव आयोजित किया गया. श्रद्धालु रात 11 तक अन्नकूट प्रसादी ग्रहण करेंगे. खोले के हनुमान को चांदी की पोशाक धारण करवाई गई. खोले में विराजे 61 से अधिक मंदिरों में अन्नकूट प्रसादी का भोग लगाया गया. मंदिर परिसर के पास स्थित हड्डीशाह बाबा की मजार पर भी 56 भोग और अन्नकूट प्रसादी का भोग लगाया गया.
पढ़ें:प्राचीन खोले के हनुमानजी मंदिर में 17 नवंबर को 64वें लक्खी अन्नकूट महोत्सव का होगा आयोजन
ब्रह्मलीन बाबा राधेलाल जी चौबे की स्थापित परंपराओं के अनुसार जात-पात, छोटे बड़े, अधिकारी-कर्मचारी, राजनेता सभी एक ही पंगत में बैठकर प्रसादी ग्रहण करते हैं. जाति-धर्म भेदभाव रहित व्यवस्था के कारण ही अन्नकूट का यह आयोजन जयपुर नहीं पूरे प्रदेश में एक मिसाल माना जाता है. वर्ष 2017 में सीमित समय में 1.25 लाख भक्तजनों के अनुशासित प्रसादी ग्रहण करने का कीर्तिमान गोल्डन बुक्स ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज हो चुका है.