पंचकूला: हरियाणा सरकार प्रदेश में पराली जलाने के मामलों में सख्त कार्रवाई करने लगी है. प्रदेश में एक ओर जहां पराली जलाने वाले किसानों पर केस दर्ज कर रिकॉर्ड में उनकी रेड एंट्री की जा रही है. दूसरी तरफ लापरवाह अधिकारियों पर भी एक्शन शुरू हो गया है. सरकार ने पराली जलने के मामलों में ढील बरतने और इसकी रोकथाम में विफल रहे कृषि विभाग के 24 अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है.
किसानों पर भी केस दर्ज
हरियाणा के कृषि मंत्री श्याम सिंह राणा ने कहा कि वो स्वयं भी किसान हैं और किसानी की चुनौतियों को तह तक समझते हैं. उन्होंने कहा कि कई जगह किसानों ने भी पराली जलाई है. फिर भले ही उन्होंने इसे मजबूरी में किया हो लेकिन ऐसा किया जाना गलत है. कृषि मंत्री ने कहा कि खेतीबाड़ी प्रकृति पर आधारित है, जो खुले आसमान के नीचे होती है ना कि इनडोर. खेती कुदरत पर निर्भर होती है. नतीजतन बारिश से फसलें भी खराब होती हैं और पराली की पैकिंग भी नहीं हो पाती.
जल्दबाजी में किसान का फैसला गलत
कृषि मंत्री श्याम सिंह राणा ने कहा कि किसान के पास अगली फसल की बिजाई के लिए समय काफी कम होता है. दूसरी ओर बारिश का डर अलग से बना रहता है, क्योंकि मंडियों और खेत में फसल और पराली के भीगने का खतरा अधिक रहता है. इस कारण जल्दबाजी के चलते किसान गलत फैसला ले बैठता है. किसानों के इस गलत फैसले से अधिकारियों पर भी कार्रवाई होती है.
हरियाणा में पराली जलाने के मामले
कृषि मंत्री ने कहा कि पराली जलाने के मामले में हरियाणा में अब तक करीब तीन हजार एफआईआर दर्ज की जा चुकी हैं. जबकि प्रदेश में 6 हजार हजार गांव हैं और इस हिसाब से औसतन दो गांवों में एक मामला बनता है.