देहरादून: इस दुनिया में शायद ही कोई ऐसा हो, जिसका अपना परिवार न हो, लेकिन कई बार कुछ ऐसी स्थिति बन जाती है जो इंसान को घर परिवार से इतना दूर कर देती है कि फिर वापसी की उम्मीद टूटती चली जाती है. ऐसी ही कुछ महिलाओं से जुड़ी कहानियां, देहरादून के केदारपुरम में संचालित नारी निकेतन में भी हैं. जिसके चलते उत्तराखंड सरकार इन सभी निराश्रितों को उनके परिजनों से मिलने के लिए फैमिली रीयूनियन प्रोग्राम चला रही है. जिस प्रोग्राम के तहत अभी तक 23 महिलाओं को उनके बिछड़े परिवार से मिलाया जा चुका है.
फैमिली रीयूनियन प्रोग्राम, देहरादून नारी निकेतन में दिन काट रही महिलाओं के जीवन को नई दिशा दे रहा है. इस प्रोग्राम के तहत देश के तमाम राज्यों में ही नहीं, बल्कि नेपाल, बांग्लादेश में भी इन महिलाओं के बिछड़े परिवारों की तलाश की जा चुकी हैं. जिसके चलते, बांग्लादेश की नूरजहां को 32 साल बाद अपना परिवार मिल पाया है. इसी तरह रांची, झारखंड की रहने वाली जूनी टोपो भी 30 साल बाद अपने परिवार से मिल पाई है. इस प्रोग्राम के तहत ना सिर्फ निराश्रित महिलाओं की घर वापसी कराई जा रही है, बल्कि इसके बाद भी इनकी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए, एक नेटवर्क तैयार किया जा रहा है, ताकि परिवार से मिलने के बाद भी महिलाओं का जीवन सुरक्षित रहे.
सीएम धामी ने जताई खुशी:मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा नारी निकेतन निराश्रित, महिलाओं को सुरक्षित आश्रय की सुविधा उपलब्ध करता है, लेकिन हर इंसान को अपने परिवार के बीच ही खुशी मिलती है. यही वजह है कि सरकार का प्रयास है कि यहां रह रही सभी महिलाओं को उनके परिवार से मिलाया जाए. इसके लिए फैमिली रीयूनियन प्रोग्राम संचालित किया जा रहा है. जिसके अच्छे परिणाम मिल रहे हैं.