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लो जी, नामी कंपनियों की हल्दी, धनिया मिर्चा निकली मिलावटी, सामने आई खतरनाक रिपोर्ट - agra latest news

आगरा में मसालों में मिलावट की बड़ी पोल खुली है. चलिए जानते हैं इस बारे में.

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agra latest news (photo credit: etv bharat)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jun 22, 2024, 12:24 PM IST

आगराःबाजार में बिक रहे सब्जी का स्वाद बढ़ाने वाले मसालों में खूब मिलावट हो रही है. ये मिलावटी मसाले सेहत के लिए खतरनाक हैं. खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (एफएसडीए) के लिए सैंपल की जांच रिपोर्ट में ये चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. शहर में गरम मसाला, कश्मीरी मिर्च मसाला, धनिया, दाल मसाला, सांभर मसाला, चना मसाले समेत अन्य मसाले का सेवन बीमारी को न्योता देना है. क्योंकि, खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (एफएसडीए) के लिए गए 35 मसालों के सैंपल में से 15 मसालों के सैंपल की रिपोर्ट असुरक्षित आई है. इसके साथ ही एक सैंपल की रिपोर्ट अधोमानक है. ये सभी लिए गए सैंपल नामचीन कंपनियों के मसाले हैं. अभी सात सैंपल की रिपोर्ट आना बाकी है.

बता दें कि, खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (एफएसडीए) की टीमों ने आगरा में मई माह में 42 मसालों के नमूने जांच के लिए थे. जिसमें से मसालों के 35 मसालों की रिपोर्ट आई है. इसमें ही 15 सैंपल की रिपोर्ट में मसालों का सेवन सेहत के लिए खतरनाक माना गया है. अभी सात नमूनों की रिपोर्ट आना बाकी है. पहली बार टीम ने निजी लैब में 265 पैरामीटर पर मसालों के सैंपल की जांच कराई. जिसकी रिपोर्ट शुक्रवार को एफएसडीए कार्यालय को मिली.अब एफएसडीए की ओर से मसालों की सैंपल रिपोर्ट में असुरक्षित और अधोमानक मसालों के मामले में मुकदमा दर्ज कराएगा.


मई माह में अभियान चलाया गया था
खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन के सहायक आयुक्त खाद्य ग्रेड-2 अमित सिंह ने बताया कि, जिले में पहली बार मसालों के इस तरह के नमूने लिए गए थे. निजी लैब की जांच में सामने आया कि, इन मसालों में कवकों को खत्म करने के लिए मात्रा से कहीं अधिक दवाओं का इस्तेमाल किया गया है. जो सेहत के लिए खतरनाक हैं. इन दवाओं की अधिक मात्रा से किडनी समेत शरीर के अन्य अंग भी प्रभावित हो सकते हैं. इसलिए, सैंपल की रिपोर्ट के बाद सभी कंपनियों को नोटिस जारी किया जा रहा है. जनता से अपील है कि, वे इस तरह के उत्पादों का प्रयोग करते समय सावधानी बरतें.

छह माह की जेल और तीन लाख का जुर्माना
खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन के सहायक आयुक्त खाद्य ग्रेड-2 अमित सिंह ने बताया कि, असुरक्षित नमूनों की सुनवाई अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम की कोर्ट में होती है. जिसमें छह माह की जेल से लेकर तीन लाख रुपये तक अधिकतम जुर्माना का प्रविधान है. इसी तरह से अधोमानक नमूनों की सुनवाई एडीएम सिटी कोर्ट में होती है. जिसमें दोषी पाए जाने पर अधिकतम पांच लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है.

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