नई दिल्ली/नोएडा: गौतम बुद्ध नगर प्रशासन ने दिव्य फार्मेसी और पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड द्वारा निर्मित 14 आयुर्वेदिक दवाओं की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया है. दरअसल, पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड ने मंगलवार को सर्वोच्च न्यायालय को बताया था कि कंपनी ने उन 14 उत्पादों की बिक्री रोक दी है, जिनका विनिर्माण लाइसेंस उत्तराखंड राज्य लाइसेंसिंग प्राधिकरण ने अप्रैल में निलंबित कर दिया था.
उत्तराखंड राज्य लाइसेंसिंग प्राधिकरण ने 15 अप्रैल को पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड और दिव्य फार्मेसी के 14 उत्पादों के विनिर्माण लाइसेंस निलंबित करने का आदेश जारी किया था. अधिकारियों ने कहा कि गौतम बुद्ध नगर के क्षेत्रीय आयुर्वेदिक और यूनानी अधिकारी ने शुक्रवार को 14 उत्पादों पर प्रतिबंध लगाने का निर्देश जारी किया. उन्होंने कहा कि यह कार्रवाई राज्य औषधि लाइसेंस प्राधिकरण, आयुर्वेदिक और यूनानी सेवाएं, उत्तराखंड के आदेशों का पालन करती है.
गौतम बुद्ध नगर के क्षेत्रीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी डॉ. धर्मेंद्र कुमार केम ने बताया, "राज्य औषधि लाइसेंसिंग प्राधिकरण आयुर्वेदिक एवं यूनानी सेवाएं, उत्तराखंड, देहरादून के आदेशानुसार दिव्य फार्मेसी और पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड की संलग्न सूची में शामिल 14 औषधियों का विनिर्माण लाइसेंस निरस्त कर दिया गया है. उपरोक्त आदेशों के क्रम में जिले में कार्यरत समस्त औषधि विक्रेता व मेडिकल स्टोर्स को इन औषधियों की बिक्री पर रोक लगाने के लिए नोटिस दिया गया है. अगर औषधि विक्रेता व मेडिकल स्टोर्स उक्त औषधियों का क्रय व विक्रय करते पाए गए तो उनपर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी.
पतंजलि के इन 14 उत्पादों पर प्रतिबंध:पतंजलि के जिन 14 उत्पादों की बिक्री पर रोक लगाई, उनमें श्वासरि गोल्ड, श्वासरि वटी, ब्रोंकोम, श्वासरि प्रवाही, श्वासरि अवलेह, मुक्ता वटी एक्स्ट्रा पावर, लिपिडोम, मधु ग्रिट, बीपी ग्रिट, मधुनाशिनी वटी एक्स्ट्रा पावर, लिवामृत एडवांस, लिवोग्रिट, आईग्रिट गोल्ड और पतंजलि दृष्टि आई ड्रॉप शामिल हैं.