न्यूयॉर्क (अमेरिका): भारत टी20 विश्व कप के अपने अभियान के पहले मैच में आयरलैंड से भिड़ने के लिए तैयार है. भारतीय कप्तान रोहित शर्मा ने अपनी विरासत के बारे में बात की और आने वाली पीढ़ी के लिए अपनी छाप छोड़ने के अपने लक्ष्य के बारे में बताया है. 37 वर्षीय रोहित शर्मा ने 2007 के टी20 विश्व कप में इंग्लैंड के खिलाफ पदार्पण किया था, उन्होंने दक्षिण अफ्रीका की मजबूत टीम के खिलाफ अपनी पहली टी20 पारी में महत्वपूर्ण अर्धशतक लगाया और प्लेयर ऑफ द मैच का पुरस्कार जीता. दाएं हाथ के बल्लेबाज ने 2007 में भारत की टी20 विश्व कप खिताबी जीत का हिस्सा थे.
रोहित का मानना है कि विश्व कप जीतना एक खिलाड़ी द्वारा अपने करियर में हासिल की जा सकने वाली 'सबसे प्रतिष्ठित' उपलब्धि है. उन्हें उम्मीद है कि वे क्रिकेटरों की भावी पीढ़ी पर सकारात्मक प्रभाव डालेंगे. विश्व कप जीतना हमेशा से मेरा सपना रहा है. विश्व कप जीतना सबसे प्रतिष्ठित चीज है जो आप कभी भी कर सकते हैं. मेरे लिए मैंने जितने भी विश्व कप खेले हैं, उनमें से कुछ भी नहीं बदला है. मैं हमेशा जीतना चाहता था और मैं अभी भी उस ओर आगे बढ़ रहा हूं'.
रोहित शर्मा ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) द्वारा पोस्ट किए गए एक वीडियो में कहा है कि, 'राष्ट्रीय टीम के खिलाड़ी के रूप में हमारी जिम्मेदारी अगली पीढ़ी को खेल को अपनाने और खेलने के लिए प्रोत्साहित करना है. इसलिए मुझे लगता है कि यह कुछ ऐसा है जिसे मैं पीछे छोड़ना चाहता हूं. अगली पीढ़ी पर एक छाप छोड़ना चाहता हूँ जो हमें आदर्श मानती है, जिस तरह से हम खेलते हैं, जिस तरह से हम मैदान पर खुद को पेश करते हैं. ये वो चीजें हैं जिन पर मुझे वास्तव में गर्व होगा अगर मैं उन लाइन में कुछ पीछे छोड़ सकता हूं, मुझे लगता है कि यह मानसिक रूप से है खुद को शांत रखना और खेल का आनंद लेना, इसके हर पल का आनंद लेना है'.