नई दिल्ली :पेरिस ओलंपिक 2024 की शुरुआत 26 जुलाई से हो रहे हैं, जैसे-जैसे समय नजदीक आ रहा है वैसे-वैसे एथलीट्स का अपने देश के लिए मेडल लाने का सपना मजबूत हो रहा है. भारतीय एथलीट हर हाल में ओलंपिक का अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना चाहेंगे. भारत चाहेगा कि वो टोक्यो ओलंपिक के अपने प्रदर्शन को बेहतर करे और पिछले ओलंपिक में सिल्वर मेडल जीतने वाली मीराबाई चानू इस बार गोल्ड मेडल पर अपना कब्जा जमाए.
8 अगस्त 1994 में इम्फाल के एक गांव नोंगपोक काकचिंग में जन्मी मीराबाई का जन्म एक सामान्य परिवार में हुआ था. मीराबाई छह भाई-बहनों में सबसे छोटी बेटी है. चानू अपने सामान्य जीवन में बाहर से लकड़ी बीनकर जीवन यापन किया. चानू का वेटलिफ्टर बनने का किस्सा भी बड़ा रोमांचक है. उन्हें वेटलिफ्टिंग की अपनी ताकत का अंदाजा पहली बार 12 साल की उम्र में हुआ.
उनसे 4 साल बड़ा भाई लकड़ी का गट्ठर उठा नहीं पाया और उन्होंने उसको आसानी से उठा लिया. इससे पहले चानू इंफाल के एक स्थानीय स्पोर्ट्स हॉल में तीरंदाजी करना सीखना चाहती थी. अपने खेल की सही पहचान के बाद मीराबाई चानू ने भारत की महिला भारोत्तोलक कुंजारानी देवी से प्रेरणा लेकर उनके पथ पर चलने की ठान लिया.