नई दिल्ली : इस साल के मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार के लिए नामांकित लोगों की लिस्ट से डबल ओलंपिक मेडलिस्ट स्टार भारतीय शूटर मनु भाकर को बाहर रखे जाने की खबर पर विवाद छिड़ गया है. इसे लेकर कई लोग पहले से ही नाराज हैं. लेकिन, अब उनके पिता ने सरकार की अनदेखी के लिए उन पर अपनी भड़ास निकाली है.
अगस्त में, पेरिस में आयोजित हुए ओलंपिक खेलों 2024 में मनु भाकर, 10 मीटर एयर पिस्टल व्यक्तिगत और 10 मीटर एयर पिस्टल मिश्रित टीम स्पर्धाओं में कांस्य पदक जीतकर ओलंपिक के एक ही संस्करण में दो पदक जीतने वाली स्वतंत्र भारत की पहली एथलीट बनीं.
इसके बावजूद, खेलों के क्षेत्र में सबसे बड़े राष्ट्रीय सम्मान से उन्हें बाहर रखे जाने की खबरों ने लोगों को चौंका दिया. अब उनके परिवार ने जोर देकर कहा है कि इस पुरस्कार के लिए उनके द्वारा आवेदन किया गया था.
मनु को शूटिंग के खेल में डालने का अफसोस
मनु के पिता राम किशन भाकर ने सरकार पर अपनी भड़ास निकाली और कहा कि देश क्रिकेटरों को छोड़कर हर तरह के एथलीट को अनदेखा कर देता है.
राम किशन भाकर ने टाइम्स ऑफ इंडिया को दिए एक इंटरव्यू में कहा, 'मुझे उसे शूटिंग के खेल में डालने का अफसोस है. मुझे उसे क्रिकेटर बनाना चाहिए था. तब, सभी पुरस्कार और प्रशंसाएं उसके पास आतीं. उसने एक ही संस्करण में दो ओलंपिक पदक जीते, ऐसा कभी किसी ने नहीं किया. आप मेरी बेटी से देश के लिए और क्या उम्मीद करते हैं? सरकार को उसके प्रयासों को पहचानना चाहिए'.