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पिता ने सपने संजोए...मां ने गहने गिरवी रखे, बेटी ने गोल्ड जीतकर देश का नाम ऊंचा किया, रोहिणी की प्रेरक कहानी - Wrestler Rohini Devba

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jul 30, 2024, 9:22 PM IST

kolhapur wrestler rohini devba story: महाराष्ट्र के कोल्हापुर जिले की रोहिणी ने साबित कर दिया कि जब लक्ष्य, लगन और सपने के साथ कड़ी मेहनत हो तो सब कुछ संभव है. विपरीत परिस्थितियों को पार करते हुए इस युवती ने एशियाई कुश्ती चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता.

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माता-पिता के साथ महिला पहलवान रोहिणी देवबा (ETV Bharat)

कोल्हापुर: महाराष्ट्र के कोल्हापुर की रोहिणी देवबा ने एशियाई कुश्ती चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीतकर परिवार के साथ-साथ पूरे राज्य का नाम रोशन किया है. रोहिणी विपरीत परिस्थितियों और बाधाओं से लड़ते हुए यह उपलब्धि हासिल की. रोहिणी के माता-पिता कोल्हापुर में पट्टनकोडोली के रहने वाले हैं. परिवार की आर्थिक हालत खराब थी. माता-पिता खेती करके गुजारा करते हैं. लेकिन रोहिणी अपने सपने और लक्ष्य को लेकर दृढ़ निश्चय थी और सभी चुनौतियों का सामना करते हुए उन्होंने एशियाई कुश्ती चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीता.

रोहिणी के पिता वडील खानदेव देवबा को बचपन से ही कुश्ती का शौक रहा है. उनके पिता ने गांव में ही कुश्ती की शिक्षा ली थी. हालांकि, वडील का करियर जिला स्तरीय कुश्ती टूर्नामेंट से आगे नहीं बढ़ पाया. परिवार की खराब आर्थिक स्थिति ने वडील के कुश्ती के प्रति प्रेम को पनपने से पहले ही खत्म कर दिया. मगर उन्होंने अपनी बेटी को यह सपना पूरा करने के लिए प्रेरित किया और नौ साल की उम्र से ही रोहिणी को कुश्ती सिखाना शुरू कर दिया. इस विश्वास के साथ कि बेटी उनके अधूरे सपने को पूरा करेगी.

रोहिणी की प्रेरक कहानी (ETV Bharat)

मां ने बेटी के सपने पूरा करने को गहने गिरवी रखे
मां ने अपने गहने तक गिरवी रख दिए और बेटी के खाने-पीने के लिए पैसे जुटाए. गरीबी को मात देकर बेटी ने देश का झंडा बुलंद किया. हाल ही में थाईलैंड में आयोजित एशियाई कुश्ती चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतकर इस लड़की ने न सिर्फ अपने पिता और मां के सपने को पूरा किया. बल्कि उसने यह साबित कर दिया है कि लक्ष्य, लगन और सपने के साथ कड़ी मेहनत हो तो सब कुछ संभव है.

33 किलोग्राम भार वर्ग में जीता गोल्ड मेडल
कुश्ती के गढ़ कोल्हापुर में महिला कुश्ती के भी अच्छे दिन आ रहे हैं. जिले, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर कोल्हापुर की कई महिला पहलवानों ने शानदार प्रदर्शन कर जिले के साथ-साथ देश का नाम भी ऊंचा किया है. कोल्हापुर के पट्टनकाडोली की महिला पहलवान रोहिणी खानदेव देवबा ने 17 जुलाई को थाईलैंड में आयोजित एशियाई कुश्ती चैंपियनशिप में 33 किलोग्राम भार वर्ग में भारत को स्वर्ण पदक दिलाया. रोहिणी ने जापान, मंगोलिया, कजाकिस्तान और उज्बेकिस्तान के पहलवानों को हराकर स्वर्ण पदक जीता.

कुश्ती कोच बाजीराव बाणदार ने रोहिणी को नौ साल की उम्र से कुश्ती का प्रशिक्षण दिया और 3 साल की कड़ी मेहनत के बाद रोहिणी का चयन राजर्षि शाहू आवासीय खेल विद्यालय, शिंगणापुर में हुआ. फिलहाल रोहिणी नेताजी सुभाष राष्ट्रीय खेल संस्थान (एनआईएस) के कोच संदीप पाटिल की दावणवाडे स्थित अकादमी में प्रशिक्षण ले रही हैं.

खेती पर परिवार का गुजारा
रोहिणी के पिता वडील खानदेव देवबा के पास मात्र 17 गुंटा पुश्तैनी खेती है. परिवार की आजीविका इसी खेती पर निर्भर है. हालांकि, विकट परिस्थिति के बावजूद रोहिणी के माता-पिता ने खान-पान और प्रशिक्षण पर ध्यान दिया. बेटी के स्वर्ण पदक जीतने पर माता-पिता बेहद खुश हैं.

गांव वालों ने हाथी पर बैठाकर जुलूस निकाला
पट्टनकोडोली गांव की बेटी रोहिणी देवबा ने एशियाई कुश्ती चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता तो परिवार के साथ-साथ गांव वालों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा. गांव में उसका जोरदार स्वागत हुआ. गांव वालों ने रोहिणी को हाथी पर बैठाकर जुलूस निकाला और उसका हौसला बढ़ाया.

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