भारतीय तीरंदाज दीपिका ने ओलंपिक के लिए भरी हुंकार, अपनी बेटी को लेकर बोली बड़ी बात - Paris Olympics 2024 - PARIS OLYMPICS 2024
Paris Olympics 2024 : भारत की स्टार तीरंदाज दीपिका कुमारी पेरिस ओलंपिक में शानदार प्रदर्शन करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं. उससे पहले उन्होंने अपने कमबैक और अपनी बेटी के बारे में खुलकर बात की है. पढ़िए पूरी खबर...
जौक्स (फ्रांस): दीपिका कुमारी दो दुनियाओं के बीच फंसी हुई हैं. एक जहां एक प्यारी मां अपनी 19 महीने की बेटी वेदिका के साथ रहना चाहती है और दूसरी जहां यह दिग्गज भारतीय तीरंदाज एक ओलंपिक पदक के लिए तरस रही है. लेकिन अपने जीवन में इन दो अलग-अलग जगहों को एक साथ लाने में उसने जो लचीलापन दिखाया, उसने दीपिका को पेरिस खेलों तक पहुंचा दिया, जो उसके करियर का चौथा शोपीस है.
दीपिका कुमारी (IANS PHOTOS)
दीपिका ने भरी ओलंपिक के लिए हुंकार दीपिका ने पीटीआई से खास बातचीत में बताया, दुनिया के सबसे बेहतरीन खेल आयोजन में गौरव हासिल करने की दीपिका की दृढ़ इच्छाशक्ति तब स्पष्ट हुई जब वह अपनी तैयारी को बेहतर बनाने के लिए दो महीने तक अपनी बेटी से दूर रहीं. अपनी बेटी से दूर होने के दर्द को बयां करना मुश्किल है लेकिन यह उस चीज को हासिल करने के बारे में भी है जिसके लिए हमने इतने सालों तक मेहनत की है. आखिरकार दीपिका के पेरिस रवाना होने से ठीक पहले उनके पति और खुद अंतरराष्ट्रीय तीरंदाज अतनु दास, वेदिका को पुणे में आर्मी स्पोर्ट्स इंस्टीट्यूट ले गए.
दीपिका ने कहा, मुझे उसकी बहुत याद आती है, लेकिन ऐसा ही है. शुक्र है कि वह वास्तव में सहायक रही है और मेरे ससुराल वालों और अतनु के साथ अच्छी तरह से घुलमिल गई है. लेकिन दीपिका की उथल-पुथल दिसंबर 2022 में अपनी बेटी को जन्म देने के तुरंत बाद शुरू हो गई थी. उसकी मांसपेशियों में अकड़न आ गई और 19 किलोग्राम का धनुष उठाना लगभग असंभव हो गया. हमने डिलीवरी के लिए इस तरह से योजना बनाई थी कि हम पेरिस में प्रतिस्पर्धा कर सकें, लेकिन डिलीवरी के बाद यह बिल्कुल शून्य से शुरू करने जैसा था. शूटिंग या धनुष उठाने की बात तो भूल ही जाइए वह साधारण दैनिक काम भी नहीं कर पा रही थी.
मां बनने के बाद दोबारा किया कमबैक अतनु ने याद किया और कहा, धीरे-धीरे उसने जॉगिंग शुरू कर दी और फिर से चलने के लिए जिम में बहुत मेहनत की. दीपिका ने तो यहां तक सोच लिया था कि उसका करियर खत्म हो गया है. करियर लगता है खत्म हो गया, क्या मैं और शूटिंग नहीं कर पाऊंगी? (ऐसा लगता है कि मेरा करियर खत्म हो गया है, क्या मैं फिर से शूटिंग नहीं कर पाऊंगी? वह दास से पूछती थी. लेकिन फिर उम्मीद की किरण जगी और दीपिका ने पिछले साल गोवा में राष्ट्रीय खेलों में दबदबा बनाया था, जिसमें उन्होंने दो स्वर्ण और एक रजत पदक जीता था.
दीपिका कुमारी (IANS PHOTOS)
इसने उन्हें दिग्गज कोरियाई कोच किम ह्युंग-टैक के तहत प्रशिक्षण लेने के बड़े फैसले की ओर अग्रसर किया, जो पहले पूर्णकालिक कोच थे, जिनके तहत तीरंदाजी के दिग्गजों ने 1984 में लॉस एंजिल्स में अपनी शुरुआत की थी. यह केवल कौशल पहलू के बारे में नहीं था, बल्कि उनका मार्गदर्शन भी शूटिंग में स्पष्टता लाने में एक भूमिका निभाता है. इसने मुझे वास्तव में प्रेरित किया. दीपिका ने शंघाई विश्व कप में रजत जीता, जो दो साल में उनका पहला पोडियम फिनिश था.
दक्षिण कोरियाई खिलाड़ी से मिलेगी कड़ी टक्कर इसके बाद 30 वर्षीय खिलाड़ी ने तीन महीने तक चले चयन ट्रायल में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया, भले ही उनके पति-सह-संरक्षक अतनु कट बनाने में विफल रहे. लिम फैक्टर अन्य विश्व मुकाबलों में अपने अभूतपूर्व कारनामों के बावजूद, दीपिका को अभी तक वह प्रतिष्ठित पदक नहीं मिला है, जिसके साथ पांच रिंग हैं. वह टोक्यो में इसके करीब पहुंची थीं, लेकिन अंतिम स्वर्ण विजेता से हार गईं. लेकिन इस बार भारतीय खिलाड़ी को पेरिस में 21 वर्षीय दक्षिण कोरियाई लिम सी-ह्योन से भिड़ना होगा. लिम ने इस साल शंघाई में और फिर येचियन विश्व कप में दीपिका को दो बार हराया है.
पुराने प्रदर्शन को पीछे छोड़ आगे की तैयारी दीपिका चिंतित नहीं हैं. उन्होंने कहा, मैं अतीत को नहीं बदल सकती, मैं पूरी तरह से तैयार हूं और जिस तरह से मैं शूटिंग कर रही हूं, उससे खुश हूं. हम देखेंगे कि मैच के दिन क्या होता है, अगर हमारा कोई मुकाबला होता है, तो पेरिस की यादें खुशनुमा हों, लेकिन कोई दबाव नहीं पेरिस दीपिका के लिए खुशियों भरा रहा है, जहां उन्होंने अतनु के साथ 2021 विश्व कप व्यक्तिगत, टीम और मिश्रित टीम में स्वर्ण पदकों की हैट्रिक जीती, उन्होंने 2013 में विश्व कप फाइनल में रजत और पिछले साल फ्रांस की राजधानी में विश्व कप में रजत भी जीता था. लेकिन वह ओलंपिक को किसी अन्य शीर्ष स्तरीय प्रतियोगिता की तरह ही लेना चाहती थीं.
उन्होंने कहा, मुझे समझ में नहीं आता कि हमारे देश में ओलंपिक को लेकर इतना प्रचार क्यों है. ओलंपिक के करीब आते ही हर कोई तीरंदाजी की ओर देखता है और इससे अनावश्यक दबाव बनता है. हमें इसे किसी भी अन्य प्रतियोगिता की तरह लेना होगा. (भारतीयों पर) दबाव मानसिक रूप से अधिक है. मैं किसी का ध्यान आकर्षित नहीं करना चाहती. हमने यहां तक पहुंचने के लिए लगातार अच्छा प्रदर्शन किया है. हमें अनुकूल ड्रॉ पाने के लिए क्वालीफिकेशन में सिर्फ अच्छी रैंक हासिल करनी है.
दीपिका कुमारी (IANS PHOTOS)
टोक्यो में मेडल जीतने से चूक गईं थी दीपिका दीपिका-धीरज संयोजन व्यक्तिगत रैंकिंग मिश्रित टीम का निर्धारण करती है और मौजूदा फॉर्म को देखते हुए, दीपिका और धीरज बोम्मादेवरा एक साथ शूटिंग कर सकते हैं. धीरज पिछले 12 महीनों में 10 अंतरराष्ट्रीय पदक जीतकर शानदार फॉर्म में हैं, जिसमें कोरिया को हराकर टीम गोल्ड शामिल है. उन्होंने अंताल्या विश्व कप में व्यक्तिगत कांस्य भी जीता, जिसमें टोक्यो रजत पदक विजेता मौरो नेस्पोली को हराया. वह युवा और बेहद शांत हैं और व्यक्तिगत पदक की संभावना रखते हैं. भारत के उच्च प्रदर्शन निदेशक संजीव सिंह ने कहा कि वह बड़े मौकों पर नहीं चूकते.
तो क्या धीरज दीपिका पर से कुछ दबाव हटा पाएंगे? उन्होंने कहा कि अगर वे क्वालीफायर में शीर्ष पर रहते हैं, तो वे भारत की सर्वश्रेष्ठ रिकर्व मिश्रित टीम जोड़ी होगी. दीपिका को टोक्यो में हुए विवाद की याद है, जब उन्हें मिश्रित टीम स्पर्धा में प्रवीण जाधव के साथ जोड़ी बनानी पड़ी थी, क्योंकि प्रवीण जाधव ने अतनु से पहले क्वालीफाई किया था. राष्ट्रीय महासंघ संयोजन बदल सकता था, लेकिन उन्होंने नियमों का पालन किया और टीम अंतिम आठ में बाहर हो गई. मैं इस बारे में बात नहीं करना चाहती कि क्या हुआ. धीरज अच्छा प्रदर्शन कर रहा है और हम सर्वश्रेष्ठ की उम्मीद करते हैं.
क्या वह पेरिस में अतनु की मौजूदगी को मिस करेंगी. इस पर दीपिका ने कहा, उसके पास एक बड़ी जिम्मेदारी है. वेदिका की देखभाल करना, उसने मुस्कुराते हुए एक खाली बैग पकड़ा, जो उसके पति से एक उपहार था. मैंने उससे कहा है कि उसे पदक जीतना चाहिए और इसे इस बैग में वापस लाना चाहिए, दास ने कहा, शायद वह इसमें एक ओलंपिक पदक और कुछ बच्चे के कपड़े और खिलौने रख सकती है.