नई दिल्ली : भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने भारत की पुरुष सीनियर राष्ट्रीय टीम के खिलाड़ियों के लिए अपने 10 सूत्री अनुशासनात्मक दिशा-निर्देश जारी किए हैं. जिसमें अनुशासन, एकता और सकारात्मक टीम माहौल को बढ़ावा देने के लिए पारिवारिक यात्रा, सामान की सीमा और पर्सनल एड शूट के संबंध में सख्त नियम लागू किए हैं.
ये उपाय ऑस्ट्रेलिया में बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी टेस्ट सीरीज में भारत की निराशाजनक हार और इतिहास में पहली बार विश्व टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल के लिए क्वालीफाई करने में टीम की विफलता के बाद किए गए हैं.
बीसीसीआई ने खिलाड़ियों के लिए बनाए 10 नियम बीसीसीआई द्वारा जारी 10 नए दिशा-निर्देशों में घरेलू मैचों में भाग लेने पर प्रतिबंध, खिलाड़ियों के परिवार के साथ अलग-अलग यात्रा करना, अतिरिक्त सामान की सीमा, बैगेज नीति, दौरे/सीरीज पर पर्सनल स्टाफ पर प्रतिबंध, अभ्यास सत्र को जल्दी छोड़ना, श्रृंखला/दौरे के दौरान व्यक्तिगत शूटिंग और पारिवारिक यात्रा नीति शामिल हैं. इसके अलावा, मैच जल्दी समाप्त होने पर घर लौटने वाले खिलाड़ियों पर भी विचार किया जाएगा.
भारतीय क्रिकेट बोर्ड ने 45 दिनों से अधिक के विदेशी दौरों के दौरान खिलाड़ियों के साथ परिवारों के रहने के लिए केवल दो सप्ताह की अवधि को मंजूरी दी है, इसके अलावा व्यक्तिगत कर्मचारियों और पर्सनल एड शूटिंग पर प्रतिबंध लगाए हैं. बीसीसीआई ने सामान की अनुमति पर भी जोर दिया है, किसी भी अतिरिक्त सामान पर लगने वाला एक्स्ट्रा चार्ज खिलाड़ी को खुद उठाना होगा.
सभी खिलाड़ियों को अब BCCI द्वारा बनाए गए इन 10 सख्त नियमों का पालन करना होगा :-
खिलाड़ियों के परिवार, दौरे (45 दिन से अधिक) पर सिर्फ 2 सप्ताह तक साथ रहेंगे.
क्रिकेटरों को अनिवार्य रूप से डोमेस्टिक क्रिकेट खेलना होगा.
सीरीज के दौरान खिलाड़ियों पर पर्सनल एड शूट करने पर पाबंदी रहेगी.
खिलाड़ियों को दौरे के दौरान अलग से यात्रा करने की परमिशन नहीं होगी.
दौरे या मैच के जल्दी समाप्त होने की स्थिति में उन्हें जल्दी घर वापस नहीं जाने दिया जाएगा, वह पूरी टीम के साथ ही वापस जा पाएंगे.
खिलाड़ी मैच और अभ्यास सत्र दोनों में टीम के साथ ही आएंगे और जाएंगे.
विदेश के दौरों पर अगर खिलाड़ियों ने 150 किग्रा से ज्यादा सामान लिया तो अतिरिक्त का भुगतान खुद करना होगा.
पर्सनल मैनेजर, रसोइयों, सहायकों और सुरक्षाकर्मियों को दौरे या घरेलू सीरीज में प्रतिबंध रहेगा.
किसी भी तरह के बीसीसीआई कार्यक्रम में खिलाड़ियों को अनिवार्य रूप से मौजूद रहना होगा.
टीम मैनेजमेंट के साथ सेंटर ऑफ एक्सिलेंस में उपकरण भेजने के लिए समन्वय बनाना होगा.
नियमों का पालन न करने पर मिलेगी कड़ी सजा इन सभी नियमों का अनुपालन न करने पर खिलाड़ियों के सेंट्रल कॉन्ट्रेक्ट से रिटेनर फीस में कटौती और कैश-रिच इंडियन प्रीमियर लीग में भाग लेने पर प्रतिबंध सहित दंड लगाया जाएगा. इसमें कहा गया है, बीसीसीआई किसी खिलाड़ी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने का अधिकार रखता है, जिसमें बीसीसीआई द्वारा आयोजित सभी टूर्नामेंटों में भाग लेने से संबंधित खिलाड़ी के खिलाफ प्रतिबंध शामिल हो सकता है, जिसमें बीसीसीआई खिलाड़ी अनुबंध के तहत रिटेनर राशि/मैच फीस से इंडियन प्रीमियर लीग की कटौती भी शामिल है.