हैदराबाद :सनातन धर्म में अमावस्या तिथि का विशेष महत्व होता है. आज चैत्र महीने की अमावस्या तिथि है. यदि अमावस्या तिथि सोमवार को पड़े तो इसे सोमवती अमावस्या कहा जाता है. सोमवार का दिन भगवान शिव को समर्पित है और इसलिए सोमवती अमावस्या का महत्व और भी बढ़ जाता है. इस वर्ष की पहली सोमवती अमावस्या 8 अप्रैल को है. अमावस्या तिथि सुबह 3:11 बजे से शुरू होगी और रात 11:50 बजे समाप्त होगी.
मान्यता है कि Somvati amavasya के दिन स्नान-दान, पूजा आदि कार्य करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती है. इस दिन पितरों की शांति है हेतू पितृ तर्पण आदि अनुष्ठान करने से पूर्वजों की आत्मा को शांति प्राप्त होती है और उन्हें मुक्ति मिलती है. सबसे पहले सुबह किसी पवित्र नदी, तालाब कुएं अथवा घर पर स्नान करें. संभव हो तो घर में गंगाजल मिलकर स्नान करें, इससे भी पुण्य की प्राप्ति होती है. उसके बाद सूर्योदय होने पर भगवान सूर्य को अर्घ्य दें और माता पार्वती भोलेनाथ की पूजा करें. Amavasya april 2024 के दिन भगवान शिव का पंचामृत से अभिषेक करें, जलाभिषेक करें और रुद्राभिषेक करें कर सकते हैं.
पीपल की पूजा
इस दिन पितरों की शांति हेतु तर्पण करते समय काले तिल आदि का दान अवश्य करना चाहिए जिससे शनि, राहु, केतु जन्य ग्रह पीड़ा से भी मुक्ति मिलती है. इसके साथ ही पितरों के आशीर्वाद हेतु चांदी का भी दान करना चाहिए, जिससे पूरे परिवार को पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है. हिंदू धर्म में पीपल के पेड़ का खास महत्व है. Somvati amavasya के दिन पीपल के पेड़ की पूजा करने का भी विधान है. भगवान शिव माता पार्वती और पीपल के पेड़ की पूजा सभी मनोकामनाएं पूरी होती है.
जरूरतमंदों व अन्य जीवों भोजन की व्यवस्था करें
पूर्णिमा, अमावस्या जैसी तिथियों के दिन शुद्ध सात्विक दिनचर्या व्यतीत करना चाहिए, किसी भी मनुष्य-जीव को कष्ट तकलीफ ना दें तथा झूठ, चुगली आदि से दूर रहें. इस दिन गाय, कौवे और कुत्ते के लिए भोजन की व्यवस्था करें. पक्षियों और पक्षियों और मछलियों के लिए दाने की व्यवस्था करें. जरूरतमंदों, गरीबों को चावल-दूध का दान करें. Somvati amavasya के दिन भगवान को खीर का भोग भी लगाएं. यदि स्नान दान के शुभ मुहूर्त की बात करें तो सुबह 4:55 बजे से शाम सुबह 6:30 बजे तक रहेगा.