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शारदीय नवरात्रि: मां काली की उपासना से सभी कष्ट होंगे दूर, भय और रोग से मिलेगी मुक्ति - SHARDIYA NAVRATRI DAY 7

शारदीय नवरात्रि का आज सातवां दिन है. जाने पूजा विधि, भोग, मंत्र, महाउपाय.

Durga Puja
मां कालरात्रि (ETV Bharat)

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Oct 9, 2024, 12:49 PM IST

हैदराबादःआज शारदीय नवरात्रि का सातवां दिन है. यह दिन मां कालरात्रि को समर्पित है. मां कालरात्रि नवदुर्गा का सातवां स्वरूप है. मां कालरात्रि का रूप अत्यंत उग्र और भयानक है. यह तीन नेत्रधारी हैं. मां कालरात्रि के गले में विद्युत् की अद्भुत माला है. इनके हाथों में खड्ग और कांटा है और इनका वाहन गधा है. लेकिन मां कालरात्रि भक्तों का हमेशा कल्याण करती हैं. इसलिए इन्हें शुभंकरी भी कहा जाता है. आइए जानते हैं कि नवरात्रि के सातवें दिन मां कालरात्रि को कैसे प्रसन्न किया जा सकता है.

लखनऊ के ज्योतिषाचार्य डॉ उमाशंकर मिश्र ने बताया कि मां कालरात्रि को गुड़ का भोग अत्यंत प्रिय है. नवरात्र में सप्तमी तिथि की पूजा के समय मां कालरात्रि को गुड़, गुड़ की खीर या गुड़ से बनी चीज का भोग लगाना चाहिए, कहते हैं कि ऐसा करने से मां का आशीर्वाद प्राप्त होता है.

मां कालरात्रि की पूजा से शत्रु होंगे शांत
नवरात्रि की सप्तमी तिथि पर श्वेत या लाल वस्त्र धारण करके रात्रि में मां कालरात्रि की पूजा करें. मां के समक्ष दीपक जलाएं और उन्हें गुड़ का भोग लगाएं. इसके बाद 108 बार नवार्ण मंत्र पढ़ते जाएं और एक एक लौंग चढ़ाते जाएं. नवार्ण मंत्र है. "ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डाय विच्चे". उन 108 लौंग को इकठ्ठा करके अग्नि में डाल दें. आपके विरोधी और शत्रु शांत होंगे.

नवरात्रि का महाउपाय
नवरात्रि में किसी भी रात्रि को मां लक्ष्मी की पूजा करें. उन्हें गुलाब का फूल अर्पित करें और दीपक जलायें. इसके बाद सोलह बार श्री सूक्तम का पाठ करें. आपकी धन सम्बन्धी समस्यायें दूर होंगी.

मां कालरात्रि का प्रार्थना मंत्र

एकवेणी जपाकर्णपूरा नग्ना खरास्थिता।

लम्बोष्ठी कर्णिकाकर्णी तैलाभ्यक्त शरीरिणी॥

वामपादोल्लसल्लोह लताकण्टकभूषणा।

वर्धन मूर्धध्वजा कृष्णा कालरात्रिर्भयङ्करी॥

मां कालरात्रि की स्तुति मंत्र

या देवी सर्वभूतेषु माँ कालरात्रि रूपेण संस्थिता।

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

मां कालरात्रि की पूजा विधि: मां के समक्ष घी का दीपक जलाएं. मां को लाल फूल अर्पित करें. साथ ही गुड़ का भोग लगाएं. मां के मंत्रों का जाप करें या सप्तशती का पाठ करें. लगाए गए गुड़ का आधा भाग परिवार में बाटें. बाकी आधा गुड़ किसी ब्राह्मण को दान कर सकते हैं. काले रंग के वस्त्र धारण करके या किसी को नुकसान पंहुचाने के उद्देश्य से पूजा न करें.

मां कालरात्रि की पूजा के लाभ
शत्रु और विरोधियों को नियंत्रित करने के लिए मां कालरात्रि की उपासना अत्यंत शुभ होती है. इनकी उपासना से भय, दुर्घटना और रोगों का नाश होता है. कालरात्रि की उपासना से नकारात्मक ऊर्जा या तंत्र-मंत्र का असर नहीं होता. ज्योतिष में शनि नामक ग्रह को नियंत्रित करने के लिए इनकी पूजा करना अदभुत परिणाम देता है.

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