हैदराबाद:हिंदू धर्म में अमावस्या तिथि का विशेष महत्व है, और यह तिथि पितरों को समर्पित है. इस दिन, लोग अपने पूर्वजों को श्रद्धांजलि देते हैं और उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करते हैं। इस बार, मौनी अमावस्या 29 जनवरी, बुधवार को पड़ रही है, जिसके कारण इसका महत्व कई गुना बढ़ गया है. इस दिन ग्रहों का शुभ योग बन रहा है, जिससे यह दिन पितृ दोष और कालसर्प दोष से मुक्ति के लिए और भी अधिक महत्वपूर्ण हो गया है.
पितृ दोष और कालसर्प दोष: जीवन की चुनौतियां
लखनऊ के ज्योतिषाचार्य डॉ. उमाशंकर मिश्र का कहना है कि,जब किसी व्यक्ति की कुंडली में पितृ दोष या कालसर्प दोष होता है, तो उसे जीवन में कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है. पितृ दोष के कारण व्यक्ति को आर्थिक समस्याओं के साथ-साथ पारिवारिक जीवन में भी कलह का सामना करना पड़ता है. वहीं, कालसर्प दोष के कारण व्यक्ति को मानसिक तनाव, स्वास्थ्य समस्याएं और करियर में बाधाओं का सामना करना पड़ सकता है.
मौनी अमावस्या पर पितृ दोष से मुक्ति के उपाय
ज्योतिषाचार्य का कहना है कि,यदि आपकी कुंडली में पितृ दोष है, तो आप इस मौनी अमावस्या पर शुभ योग में इससे मुक्ति पा सकते हैं. इसके लिए, आपको निम्नलिखित उपाय करने चाहिए:
- तर्पण और श्राद्ध कर्म: किसी योग्य पंडित की सहायता से अपने पितरों के नाम से तर्पण और श्राद्ध कर्म करें.
- ब्राह्मणों को भोजन: ब्राह्मणों को भोजन कराएं और उन्हें दान दें.
- पिंडदान: किसी पवित्र स्थल पर जाकर अपने पितरों का पिंडदान करें और उनसे अपनी गलतियों के लिए क्षमा याचना करें.