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आज है श्रावण हरियाली अमावस्या, बन रहा है रवि पुष्य और सर्वार्थ सिद्धि योग - Hariyali Amavasya

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Aug 4, 2024, 12:03 AM IST

Hariyali Amavasya : आज रविवार के दिन श्रावण महीने की अमावस्या तिथि व हरियाली अमावस्या है. आज रवि पुष्य योग व सर्वार्थ सिद्धि योग भी बन रहा है.

HARIYALI AMAVASYA SHUBH MUHURTA AND AAJ KA PANCHANG SUNDAY RAHU KAL
हरियाली अमावस्या (ETV Bharat)

हैदराबाद :आज रविवार के दिन श्रावण महीने की अमावस्या तिथि है. इसे अंधकार का दिन कहा जाता है. माता काली इस दिन पर शासन करती है. ध्यान करने, लोगों को दान करने और जानवरों को खिलाने के साथ पूर्वजों की पूजा करने का सबसे अच्छा दिन है. इस दिन विवाह समारोह या कोई नई शुरुआत नहीं करनी चाहिए. नई शुरुआत के लिए चंद्रोदय की प्रतीक्षा करें. आज हरियाली अमावस्या, आदि अमावस्या, दर्श अमावस्या और श्रावण अमावस्या है. आज रवि पुष्य योग और सर्वार्थ सिद्धि योग भी बन रहा है. सावन का महीना चल रहा है ऐसे में हरियाली अमावस्या के दिन भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती की पूजा-अर्चना विशेष महत्व बताया गया है.

शुभ मुहूर्त में करिए अमावस्या की पूजा: महामाया मंदिर के पुजारी पंडित मनोज शुक्ला के अनुसार, श्रावण महीने की अमावस्या तिथि 3 अगस्त शनिवार दोपहर 3:50 से होगी और 4 अगस्त रविवार की शाम को 4:42 पर समापन होगा. उदया तिथि के अनुसार हरियाली अमावस्या का पर्व 4 अगस्त रविवार को मनाया जाएगा. हरियाली अमावस्या के दिन ब्रह्म मुहूर्त का समय सुबह 4:20 से सुबह 5:02 तक, अभिजीत मुहूर्त का समय दोपहर में 12:00 से 12:54 तक रहेगा. हरियाली अमावस्या के दिन स्नान-दान का शुभ मुहूर्त सुबह 5:44 से दोपहर 1:26 तक रहेगा.

चार शुभ संयोग: हरियाली अमावस्या पर चार शुभ संयोग बन रहे हैं. जिसमें रवि पुष्य योग, सिद्धि योग, सर्वार्थ सिद्धि योग का शुभ संयोग बन रहा है. रवि पुष्य योग रविवार 4 अगस्त को सुबह 5:44 से दोपहर 1:26 तक, सिद्धियोग रविवार की सुबह 10:38 तक और सर्वार्थ सिद्धि योग रविवार को सुबह 5:44 बजे से दोपहर 1:26 तक रहेगा. पुष्य नक्षत्र ृरविवार की सुबह से दोपहर 1:26 तक रहेगा उसके बाद से अश्लेषा नक्षत्र है.

हरियाली अमावस्या (ETV Bharat)

उद्योग शुरू करने के लिए अच्छा है नक्षत्र
आज के दिन चंद्रमा कर्क राशि और पुष्य नक्षत्र में रहेगा. यह नक्षत्र कर्क राशि में 3:20 से 16:40 तक विस्तार लिया हुआ है. इसके देवता बृहस्पति है और नक्षत्र के स्वामी ग्रह शनि है. किसी भी शुभ कार्य के लिए इसे सर्वश्रेष्ठ नक्षत्र माना जाता है. खेलकूद, विलासिता की वस्तुओं का आनंद लेने, उद्योग शुरू करने, कुशल श्रम, चिकित्सा उपचार, शिक्षा शुरू करने, यात्रा शुरू करने, दोस्तों को मिलने, कुछ सामान खरीदने और बेचने, आध्यात्मिक गतिविधियों के साथ, सजावट, ललित कलाओं को सीखने के लिए यह एक अच्छा नक्षत्र है.

आज के दिन का वर्जित समय : आज के दिन 17:40 से 19:19 बजे तक राहुकाल रहेगा. ऐसे में कोई शुभ कार्य करना हो, तो इस अवधि से परहेज करना ही अच्छा रहेगा. इसी तरह यमगंड, गुलिक, दुमुहूर्त और वर्ज्यम् से भी परहेज करना चाहिए.

  1. 4 अगस्त का पंचांग
  2. विक्रम संवत : 2080
  3. मास : श्रावण
  4. पक्ष : कृष्ण पक्ष अमावस्या
  5. दिन : रविवार
  6. तिथि : अमावस्या
  7. योग : सिद्धि
  8. नक्षत्र : पुष्य
  9. करण : नाग
  10. चंद्र राशि : कर्क
  11. सूर्य राशि : कर्क
  12. सूर्योदय : सुबह 06:11 बजे
  13. सूर्यास्त : शाम 07:19 बजे
  14. चंद्रोदय : चंद्रोदय नहीं
  15. चंद्रास्त : शाम 07.25 बजे
  16. राहुकाल : 17:40 से 19:19
  17. यमगंड : 12:45 से 14:23

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