हैदराबादःचार दिवसीय लोक आस्था का महापर्व छठ का आज तीसरा दिन है. आज विभिन्न घाटों पर व्रती सूप उठायेंगी. इस दौरान डूबते सूर्य को (संध्याकालीन) भक्त अर्घ्य देकर छठी मैया और सूर्यदेव से आशीष प्राप्त करेंगे. इसके लिए सरकारी, गैर सरकारी और निजी तौर के अलावा भक्त अपने स्तर से घाट तैयार कर चुके हैं. केले और अशोक के पत्तों, फूलों आदि से सजाया गया है.
आज सूर्यदेव को दिया जाएगा पहला अर्घ्य
छठ पर्व में प्रसाद को बांस के सूप में रखकर घाट पर व्रतियों सर ढककर खड़ी होती हैं, जिसे हाथ उठाना कहते हैं. सूप व अन्य पूजन सामग्री को दउरा (बांस या मूंज की टोकरी) में रखकर साफ कपड़े से ढककर घरों से घाटों तक ले जाया जाता है. इस दौरान यह ध्यान रखा जाता है कि व्रती और सूप सूर्यास्त से पहले निर्धारित घाटों पर पहुंच जाए. संध्या काल में पश्चिम दिशा में चेहरा (मुंह) कर व्रती खड़ी होती हैं. सूर्यदेव के डूबने के वक्त भक्त अर्घ्य देने के लिए पानी में उतरते हैं. अर्घ्य देने के लिए गाय का दूध, गंगा जल या संबंधित नदी-तालाब जहां पर छठ किया जा रहा है वहां के जल का उपयोग किया जाता है. इसके अगले दिन डूबते सूर्य को प्रातः काल में अर्घ्य दिया जाएगा. पारण के साथ ही लोक आस्था का महापर्व छठ संपन्न हो जाएगा.