हैदराबाद:आज 22 नवंबर, 2024 शुक्रवार, के दिन मार्गशीर्ष महीने के कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि है. इस तिथि पर बड़े ऋषियों के साथ भगवान इंद्र का शासन है, किसी भी तरह के शुभ कार्यों को इस दिन टालना चाहिए. हालांकि, जीवन में आ रही बाधाओं पर काबू पाने की योजना बनाने के लिए यह दिन अच्छा है.
22 नवंबर का पंचांग :
- विक्रम संवत : 2080
- मास : मार्गशीर्ष
- पक्ष : कृष्ण पक्ष सप्तमी
- दिन : शुक्रवार
- तिथि : कृष्ण पक्ष सप्तमी
- योग : ब्रह्म
- नक्षत्र : अश्लेषा
- करण : बव
- चंद्र राशि : कर्क
- सूर्य राशि : वृश्चिक
- सूर्योदय : 06:57:00 AM
- सूर्यास्त : 05:53:00 PM
- चंद्रोदय : 11:41:00 PM
- चंद्रास्त : 12:35:00 PM
- राहुकाल : 11:03 से 12:25
- यमगंड : 15:09 से 16:31
तांत्रिक कार्यों के लिए अनुकूल है नक्षत्र
आज के दिन चंद्रमा कर्क राशि और अश्लेषा नक्षत्र में रहेगा. कर्क राशि में अश्लेषा नक्षत्र का विस्तार 16:40 से 30 डिग्री तक है. इसके देवता सर्प हैं और नक्षत्र स्वामी बुध है. इस नक्षत्र को अच्छा नक्षत्र नहीं माना जाता है. किसी भी तरह का शुभ कार्य करने से इस नक्षत्र में बचना चाहिए. हालांकि युद्ध में सफलता की तैयारी, तांत्रिक कार्य, कारावास या अलगाव से जुड़े कार्य, विनाश के कार्य और वरिष्ठों के साथ गठबंधन तोड़ने के लिए इस नक्षत्र में कार्य किए जा सकते हैं.
आज के दिन का वर्जित समय
आज के दिन 11:03 से 12:25 बजे तक राहुकाल रहेगा. ऐसे में कोई शुभ कार्य करना हो, तो इस अवधि से परहेज करना ही अच्छा रहेगा. इसी तरह यमगंड, गुलिक, दुमुहूर्त और वर्ज्यम से भी परहेज करना चाहिए.
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