प्रयागराजःसरकार द्वारा आमंत्रित10 देशों के 21 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल बुधवार की शाम महाकुंभ पहुंचा. विदेशी मेहमानों ने अखाड़ों का भ्रमण किया और साधु-संतों से मुलाकात की और महाकुंभ के ऐतिहासिक, धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व के बारे में जाना. साधु-संतों ने महाकुंभ की प्राचीन परंपराओं, अखाड़ों की भूमिका और भारतीय संस्कृति की महिमा के बारे में विस्तार से जानकारी दी. अंतर्राष्ट्रीय प्रतिनिधि संतों के विचारों से गहरे प्रभावित हुए और उन्होंने भारतीय धार्मिक परंपराओं के प्रति अपनी श्रद्धा व्यक्त की.
वहीं, गुरुवार की सुबह त्रिवेणी संगम में डुबकी लगाने के बाद प्रतिनिधि दल ने समूचे महाकुंभ क्षेत्र का दौरा भी किया. इस दौरान 21 सदस्यीय दल ने संगम की रेत पर चल रहे विशाल धार्मिक आयोजन की व्यापकता को देख सरकार और प्रशासन की प्रशंशा की. अंतर्राष्ट्रीय मेहमानों ने कहा कि महाकुंभ दुनिया को एकता का संदेश दे रहा है. भारतीय संस्कृति को देखने और समझने के लिए सभी देशों के लोगों को महाकुंभ आना चाहिए.
10 देशों के 21 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने किया महाकुंभ मेला क्षेत्र का दौरा. (Video Credit; ETV Bharat) संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) की प्रतिनिधि सैली एल अजाब ने कहा कि यह एक अद्भुत क्षण है. यह दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन है. यहां सब कुछ पूरी तरह से व्यवस्थित है. उन्होंने कहा कि यह आयोजन न केवल भारत बल्कि पूरी दुनिया को एकता का संदेश दे रहा है. करोड़ों श्रद्धालुओं और उनकी विधिवत सुरक्षा व्यवस्था को देखकर भारतीय संस्कृति की महानता का अहसास हुआ.
प्रतनिधि मंडल में फिजी, फिनलैंड, गुयाना, मलेशिया, मॉरीशस, सिंगापुर, दक्षिण अफ्रीका, श्रीलंका, त्रिनिदाद और टोबैगो और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के प्रतिनिधि शामिल थे. अंतर्राष्ट्रीय प्रतिनिधि दल ने महाकुंभ का दौरा करने के बाद कहा कि भारतीय संस्कृति की विविधता और धार्मिक एकता का अनुभव किया. उनके लिए यह यात्रा न केवल एक धार्मिक अनुभव है, बल्कि एक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर का हिस्सा लेने का भी एक शुभ अवसर है.
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