रांची: झारखंड जल्द ही कालाजार मुक्त राज्य की सूची में शामिल हो जाएगा. 2023 से राज्य के हर कालाजार प्रभावित प्रखंड में प्रति 10 हजार की आबादी पर 1 से कम केस मिल रहे हैं. यहीं स्थिति तीन वर्ष तक बनी रहेगी तो विश्व स्वास्थ्य संस्थान राज्य को कालाजार मुक्त राज्य का दर्जा दे देगा.
कालाजार मुक्त भारत संकल्प को पूरा करने के लिए रांची में तीन दिवसीय कालाजार राष्ट्रीय समीक्षा बैठक की शुरुआत हुई. इसमें बिहार, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और झारखंड राज्य में कालाजार उन्मूलन कार्यक्रम की प्रगति की समीक्षा होगी. तीन दिवसीय राष्ट्रीय समीक्षा बैठक और प्रतिभागी राज्यों के वैक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम पदाधिकारियों को कार्यक्रम से जुड़े आंकड़ों एवं डॉक्यूमेंटेशन पर प्रशिक्षण भी दिया जाएगा.
झारखंड निभा रहा है मेजबान की भूमिका
बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल में कालाजार उन्मूलन कार्यक्रम की प्रगति को समझने के लिए रांची में स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव अजय कुमार सिंह की अध्यक्षता में आज से तीन दिवसीय समीक्षा बैठक का आयोजन शुरू हुआ. इस राष्ट्रीय स्तर की बैठक में राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीवीबीडीसी) स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग भारत सरकार की निदेशक डॉ. तनु जैन, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, झारखंड के अभियान निदेशक आलोक त्रिवेदी, झारखंड के स्वास्थ्य निदेशक प्रमुख डॉ. सी.के.शाही, झारखंड के वैक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ. बिरेंद्र कुमार सिंह एवं अन्य सहयोगी संस्थाओं के प्रतिनिधियों की भी उपस्थिति रही.
प्रधान सचिव स्वास्थ्य ने कहा कि कालाजार जो लगभग 20 से 30 साल पहले एक बड़ी समस्या थी, सरकार के दिशा-निर्देश और प्रतिबद्धता के अनुरूप राज्य में कालाजार रोग के उन्मूलन के लिए राज्य स्तर से ग्राम स्तर तक किये गए सार्थक प्रयासों का परिणाम है कि राज्य में वर्ष 2023 में सभी जिलों ने कालाजार उन्मूलन का लक्ष्य प्राप्त कर लिया है और हमें इस स्थिति को बनाए रखना है यानि सस्टेन करना है, जो अत्यन्त कालाजार मुक्त झारखंड घोषित किये जाने के लिए बेहद जरूरी है.
स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव ने कहा कि इसके लिए रणनीति बनाया जाना महत्वपूर्ण है. कालाजार से जुड़ी जानकारियों और बचाव के उपायों को आबादी के अंतिम पायदान तक ले जाना होगा. हम एआई यानी आर्टिफिशल इंटेलिजेंस के माध्यम से कालाजार की स्थिति को बेहतर तरीके से जान सकते हैं. स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव ने कहा कि इस बैठक में जो भी सुझाव आयेंगे, उन्हें कालाजार उन्मूलन की रणनीति में शामिल किया जायेगा.
उन्होंने कहा कि कालाजार प्रभावित क्षेत्रों के कच्चे मकानों में पाये जाने वाली दरारों को प्लास्टर के माध्यम से भरने का प्रयास सरकार की ओर से किया जाएगा ताकि बालू मक्खी के प्रजनन को रोका का सके. उन्होंने कहा कि अगले 03 साल बहुत महत्वपूर्ण हैं, डोजियर बनाया जाएगा और इस पर चर्चा की जाएगी.