नई दिल्ली:इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को इजराइली बंधकों के परिवारों और अपने रक्षा मंत्री योआव गैलेंट की ओर से कड़ी आलोचना का सामना करना पड़ा है. उन्होंने गाजा में शेष इजराइली बंधकों की जान बचाने के बजाय गाजा और मिस्र के बीच सीमा पर रणनीतिक गलियारे पर इजराइली सैनिकों को बनाए रखने को प्राथमिकता देने का फैसला किया है.
इस हफ्ते की शुरुआत में इजराइली सुरक्षा कैबिनेट की बैठक के दौरान गाजा और मिस्र के बीच सीमा पर चलने वाले फिलाडेल्फी कॉरिडोर पर इजराइली सैनिकों की मौजूदगी बनाए रखने के नेतन्याहू के आग्रह पर गैलेंट और नेतन्याहू के बीच वाकयुद्ध छिड़ गया था.
बैठक के दौरान क्या हुआ?
चैनल 12 को लीक हुई बैठक की ट्रांसक्रिप्ट का हवाला देते हुए इजराइली मीडिया ने बताया कि जब नेतन्याहू ने इजराइली रक्षा बलों (IDF) द्वारा तैयार किए गए नक्शों की एक सीरीज पर शीर्ष मंत्रिस्तरीय निकाय से वोट मांगा, तो तीखी नोकझोंक हुई. नक्शों से पता चलता है कि इजराइल ने युद्धविराम समझौते के पहले छह-सप्ताह के चरण के दौरान कॉरिडोर पर अपने सैनिकों को बनाए रखा है, ताकि इजराइली बंधकों की रिहाई सुनिश्चित की जा सके, जिस पर बातचीत चल रही है.
यह नेतन्याहू और सुरक्षा प्रतिष्ठान के बीच बढ़ते मतभेदों का ताजा उदाहरण है, क्योंकि गाजा में इजराइल और हमास के बीच युद्ध जारी है, जिसमें अब तक 41,000 से अधिक फिलिस्तीनी लोगों की जान जा चुकी है. गैलेंट और सुरक्षा प्रमुखों का मानना है कि नेतन्याहू के सख्त रुख के कारण 100 से अधिक इजराइली बंधकों की रिहाई के लिए चल रही बातचीत खतरे में पड़ जाएगी.
टाइम्स ऑफ इजराइल ने गैलेंट के हवाले से चैनल 12 की रिपोर्ट का हवाला देते हुए मंत्रियों से कहा, "इसका महत्व यह है कि हमास इस पर सहमत नहीं होगा, इसलिए कोई समझौता नहीं होगा और किसी भी बंधक को रिहा नहीं किया जाएगा."
इसके बाद सामरिक मामलों के मंत्री रॉन डर्मर ने पिछले सप्ताह काहिरा में मिस्र, अमेरिका और कतर के मध्यस्थों के समक्ष आईडीएफ द्वारा प्रस्तुत किए गए मैप पर मतदान का आह्वान किया, लेकिन गैलेंट ने जोर देकर कहा कि ये मैप सुरक्षा प्रतिष्ठान के रुख के खिलाफ है.
स्ट्रैटिजिक मामलों के मंत्री रॉन डर्मर ने पिछले सप्ताह काहिरा में मिस्र, अमेरिका और कतर के मध्यस्थों के समक्ष आईडीएफ द्वारा प्रस्तुत किए गए मानचित्रों पर मतदान की मांग की, लेकिन गैलेंट ने जोर देकर कहा कि ये मैप्स सुरक्षा प्रतिष्ठान के रुख के खिलाफ हैं. गैलेंट ने नेतन्याहू से पूछा, "अगर (हमास प्रमुख याह्या) सिनवार आपके सामने यह दुविधा रखते हैं कि या तो आप फिलाडेल्फिया छोड़ दें या बंधकों को वापस कर दें, तो आप क्या करेंगे?"
इस पर नेतन्याहू ने कहा कि मैं फिलाडेल्फिया रखूंगा. कैबिनेट में नेतन्याहू के प्रस्ताव को आठ मतों के मुकाबले एक मत से मंजूरी दे दी गई, जबकि एक वोटर अनुपस्थित रहा.
नेतन्याहू के रुख पर बंधक परिवारों ने कैसी प्रतिक्रिया व्यक्त की है?
जब नेतन्याहू का रुख मीडिया में आया तो बंधकों के परिवारों ने आश्चर्य और आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री को सार्वजनिक रूप से यह घोषणा कर देनी चाहिए कि उन्होंने फिलाडेल्फिया कॉरिडोर पर इजराइली सैनिकों की मौजूदगी के बदले बंधकों के जीवन की चिंता छोड़ दी है.
द हॉस्टेज एंड मिसिंग फैमलिज फॉरेम ने एक बयान में कहा, "कैबिनेट बैठक के बयान से हर इजराइली नागरिक की नींद उड़ जानी चाहिए. हर नागरिक को पता होना चाहिए कि अगर उन्हें उनके बिस्तर से अपहरण कर लिया जाता है, तो उनका प्रधानमंत्री अपनी सीट बचाने के लिए सब कुछ करेगा, भले ही उन्हें गाजा में हमास की सुरंगों में मरने के लिए छोड़ना पड़े."