लंदन:ईरान का इजराइल के खिलाफ हमला करना भारी पड़ा. ब्रिटेन ने इरान पर कई सख्त प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है. इसके तहत ब्रिटेन ने ईरान के सैन्य अफसरों और स्पेस एजेंसी पर बैन लगाया है. विदेश मंत्री डेविड लैमी ने कहा कि बार-बार चेतावनी के बावजूद ईरान और उसके सहयोगियों की खतरनाक कृत्यों से मिडल ईस्ट में तनाव और बढ़े हैं.
ब्रिटेन के विदेश कार्यालय ने सोमवार को कहा कि एक अक्टूबर को इजराइल पर ईरान के हमले के बाद उसके सैनिकों, रक्षा संगठनों और अंतरिक्ष अभियानों से जुड़े संगठनों पर बैन लगाए गए हैं. नये प्रतिबंधों का लक्ष्य ईरान की सेना, वायु सेना तथा बैलिस्टिक एवं क्रूज मिसाइल विकास से जुड़े संगठनों के वरिष्ठ अधिकारी हैं.
मिसाइल बनाने से जुड़े संगठन पर बैन
ब्रिटेन ने क्रूज मिसाइल में इस्तेमाल किए जाने वाले हिस्सों और डिजाइन बनाने का काम करने वाले संगठन फरजानेगन प्रोपल्शन सिस्टम डिजाइन ब्यूरो (FPSDB) पर भी प्रतिबंध लगाने का फैसला लिया है. इसके अलावा ईरानी अंतरिक्ष एजेंसी पर भी प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया गया है. ये बैलेस्टिक मिसाइल तैयार करने में तकनीकी सहायता करती है.
विदेश मंत्री डेविड लैमी ने कहा कि ईरान और उसके समर्थक मिडल ईस्ट में तनाव को बढ़ावा रहे हैं. उन्होंने बयान में कहा कि इजराइल पर उसके बैलिस्टिक मिसाइलों के हमले के बाद हम ईरान को जवाबदेह ठहरा रहे हैं. इन कृत्यों में मदद करने वालों को बेनकाब कर रहे हैं. ईरान अपने सहयोगियों और भागीदारों के साथ अस्वीकार्य धमकियां दे रहा है. इसके खिलाफ पूरे क्षेत्र में तनाव कम करने के लिए दबाव बनाने के लिए आवश्यक उपाय करना जारी रखेंगे.
प्रतिबंधों में ये भी शामिल हैं-
विदेश मंत्री के अनुसार ईरानी सेना के कमांडर-इन-चीफ और सुप्रीम नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल के सदस्य अब्दोलरहीम मौसवी, सेना के डिप्टी कमांडर-इन-चीफ मोहम्मद-होसैन दादरास, वायु सेना के कमांडर हामिद वाहेदी और इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) के खुफिया प्रमुख मोहम्मद काजेमी प्रतिबंधित व्यक्तियों में शामिल हैं. ब्रिटेन ने पहले ही ईरान पर 400 से अधिक प्रतिबंध लगा रखे हैं. इनमें इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कोर (IRGC) के खिलाफ संपूर्ण प्रतिबंध शामिल हैं.
इजराइल का हमला जारी है
बता दें कि इजराइल लेबनान में हवाई और जमीनी हमले जारी रखे हुए है. साथ ही गाजा में भी हमले कर रहा है. इस महीने की शुरुआत में ईरान ने हमास प्रमुख इस्माइल हनीयाह और हिजबुल्लाह नेता हसन नसरल्लाह की हत्या के प्रतिशोध में इजराइल में मिसाइलें दागी थीं. इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कसम खाई है कि ईरान इन हमलों की कीमत चुकाएगा.