इजराइल-हमास संघर्ष: राफा विस्फोट में 8 इजराइली सैनिकों की मौत - Rafah explosion - RAFAH EXPLOSION
Rafah explosion 8 Israeli soldiers killed : इजराइल और हमास के बीच संघर्ष जारी है. इस बीच राफा में एक भीषण विस्फोट में 8 इजराइली सैनिकों की मौत हो गई. इजराइली सेना इस विस्फोट की जांच में जुटी है.
तेल अवीव:दक्षिणी गाजा के राफा में एक भयानक विस्फोट में आठ इजराइली सैनिकों की जान चली गई. यह जनवरी के बाद से इजराइली सेना के लिए सबसे घातक घटना है. टाइम्स ऑफ इजरायल की रिपोर्ट के हवाले से यह खबर दी गई. मारे गए सैनिकों में 23 वर्षीय कैप्टन वासेम महमूद की पहचान हो गई. वह बेत जान से कॉम्बैट इंजीनियरिंग कोर की 601वीं बटालियन में डिप्टी कंपनी कमांडर थे. शेष सात सैनिकों के नाम उनके परिवारों को सूचित किए जाने के बाद जारी किए जाएंगे.
आईडीएफ की जांच से प्राप्त प्रारंभिक निष्कर्षों से पता चलता है कि जब विस्फोट हुआ तब सैनिक नामर बख्तरबंद लड़ाकू इंजीनियरिंग वाहन (CEV) के अंदर थे. रिपोर्ट के अनुसार यह घटना सुबह करीब 5 बजे हुई. जब काफिला राफा के तेल सुल्तान इलाके में हमास के खिलाफ रात भर के हमले के बाद आराम के लिए जा रहा था.
काफिले में पांचवें या छठे वाहन के रूप में तैनात बख्तरबंद लड़ाकू इंजीनियरिंग वाहन नामर में एक शक्तिशाली विस्फोट हुआ. यह अभी भी स्पष्ट नहीं है कि विस्फोट पहले से लगाए गए बम से हुआ या हमास के गुर्गों ने वाहन पर विस्फोटक उपकरण लगाया था. जांचकर्ता इस बात पर भी विचार कर रहे हैं कि क्या नामर बख्तरबंद लड़ाकू इंजीनियरिंग वाहन के बाहर एकत्र विस्फोटकों ने विस्फोट की तीव्रता को बढ़ा दिया.
आईडीएफ के अनुसार घटना के दौरान कोई गोलीबारी नहीं हुई और विस्फोट के समय वाहन गति में था. इन सैनिकों की मृत्यु के साथ ही हमास के विरुद्ध जमीनी हमले और गाजा सीमा पर अभियान के दौरान आईडीएफ के हताहतों की कुल संख्या 307 हो गई है. टाइम्स ऑफ इजराइल के अनुसार इस संख्या में हाल ही में बंधक बचाव अभियान में मारे गए एक पुलिस अधिकारी और संघर्ष में मारे गए एक नागरिक रक्षा मंत्रालय के ठेकेदार भी शामिल हैं.
इस त्रासदी से पहले सबसे घातक घटना जनवरी में हुई थी. उस समय हमास के आरपीजी हमले से हुए विस्फोट में 21 सैनिक मारे गए थे, जिसके परिणामस्वरूप दो इमारतें ढह गईं थी. रिपोर्ट के अनुसार आईडीएफ इस विनाशकारी नुकसान से जुड़ी परिस्थितियों की जांच जारी रखे हुए है. साथ ही अस्थिर क्षेत्रों में कार्यरत सैन्य कर्मियों के समक्ष आने वाली चुनौतियों और जोखिमों पर जोर दे रहा है.