तेहरान/ बेरूत:लेबनान में हिजबुल्लाह के खिलाफ इजराइल के हमले जारी हैं. इजराइली सेना राजधानी बेरूत में ताबड़तोड़ बमबारी कर रही है. इन हमलों में अब तक 2,000 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है. न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार ईरान की इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) के कुद्स फोर्स के कमांडर ब्रिगेडियर-जनरल इस्माइल कानी से संपर्क टूट गया है. उनके ठिकाने का फिलहाल पता नहीं चल पा रहा है. वहीं रविवार देर रात से ईरान के सभी हवाई अड्डों से उड़ानें रद्द कर दी गई हैं. यह जानकारी ईरान के सरकारी मीडिया ने ईरान के नागरिक उड्डयन संगठन के प्रवक्ता के हवाले से दी गई.
न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्टमें ईरानी मीडिया का हवाला देते हुए कहा गया है कि ईरान के अधिकारियों के पास अभी तक इस बारे में कोई स्पष्ट जवाब नहीं है कि कुद्स फोर्स चीफ के साथ क्या हुआ होगा. इस्माइल कानी के बेरूत में इजराइली हमले में मारे जाने की अटकलें लगाई जा रही हैं.
वहीं, इजराइली मीडिया समूह N12 की रिपोर्ट के मुताबिक, दक्षिणी बेरूत में हिजबुल्लाह प्रमुख हसन नसरल्लाह के संभावित उत्तराधिकारी हाशिम सफीद्दीन को निशाना बनाकर किए गए आईडीएफ के हमले में ईरानी ब्रिगेडियर-जनरल कानी घायल हो सकते हैं.
इजराइली हमले में नसरल्लाह की मौत के दो दिन बाद कानी को हिजबुल्लाह के तेहरान स्थित कार्यालय में देखा गया था. हालांकि, वह ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई के नेतृत्व में हिजबुल्लाह प्रमुख के लिए आयोजित प्रार्थना सभा में मौजूद नहीं थे.
रिपोर्ट में ईरानी सूत्रों का हवाला देते हुए कहा गया है कि कानी ने लेबनान में इजराइली हमलों के बीच हिजबुल्लाह के पदाधिकारियों के साथ बैठक करने के लिए बेरूत की यात्रा की थी. न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, आईआरजीसी के एक सदस्य ने कहा कि इस मामले में ईरानी अधिकारियों की चुप्पी आईआरजीसी सदस्यों में बेचैनी फैला रही है.
इस्माइल कानी कौन हैं?
इस्माइल कानी ने ईरान के विदेशी सैन्य अभियानों के प्रमुख के रूप में कासिम सुलेमानी का स्थान लिया था. सुलेमानी की जनवरी 2020 में इराक में बगदाद अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के पास अमेरिकी ड्रोन हमले में मौत हो गई थी. सुलेमानी की हत्या के बाद कानी ने इस क्षेत्र में ईरान की सैन्य रणनीति को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. कुद्स फोर्स का कार्यभार संभालने से पहले कानी ने काउंटर इंटेलिजेंस यूनिट में थे.
यह भी पढ़ें-ईरान के खार्ग द्वीप को टारगेट बना सकता है इजराइल, क्या परमाणु सुविधाएं भी हैं निशाने पर? जानें