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UN में बोले पीएम मोदी- मानवता की सफलता सामूहिक शक्ति में निहित है, युद्ध के मैदान में नहीं - PM Modi Address in UN

PM Modi Address in UN : न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा के 79वें सत्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमने भारत में 25 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकाला है और हमने दिखाया है कि सतत विकास सफल हो सकता है.

PM Modi addresses 79th UN General Assembly session in New York US
संयुक्त राष्ट्र महासभा में पीएम मोदी का संबोधन (ANI)

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 23, 2024, 9:17 PM IST

न्यूयॉर्क: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा के 79वें सत्र को संबोधित किया. उन्होंने कहा, "आज मैं यहां मानवता के छठे हिस्से की आवाज को सुनने के लिए आया हूं... हमने भारत में 25 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकाला है और हमने दिखाया है कि सतत विकास सफल हो सकता है. हम सफलता के इस अनुभव को ग्लोबल साउथ के साथ साझा करने के लिए तैयार हैं."

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "मानवता की सफलता हमारी सामूहिक शक्ति में निहित है, युद्ध के मैदान में नहीं."

अपने संबोधन में पीएम मोदी ने वैश्विक संस्थाओं में सुधार का आह्वान किया और सुधारों को प्रासंगिकता की कुंजी बताया. उन्होंने अफ्रीकी संघ को जी-20 में स्थायी सदस्य के रूप में शामिल किए जाने को इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया. उन्होंने कहा, "वैश्विक शांति और विकास सुनिश्चित करने के लिए वैश्विक संस्थाओं में सुधार आवश्यक हैं. सुधार प्रासंगिकता की कुंजी है. नई दिल्ली शिखर सम्मेलन में अफ्रीकी संघ की जी-20 में स्थायी सदस्यता इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम था."

उन्होंने कहा, "जहां एक ओर आतंकवाद वैश्विक शांति और सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा बना हुआ है, वहीं दूसरी ओर साइबर, मेरीटाइम और स्पेस संघर्ष के नए मैदान बनकर उभर रहे हैं. मैं इन सभी मुद्दों पर जोर देते हुए कहूंगा कि वैश्विक कार्रवाई वैश्विक महत्वाकांक्षा के अनुरूप होनी चाहिए."

प्रौद्योगिकी पर बात करते हुए उन्होंने कहा, "प्रौद्योगिकी के सुरक्षित और जिम्मेदार उपयोग के लिए संतुलित विनियमन की आवश्यकता है. हम ऐसा ग्लोबल डिजिटल गवर्नेंस चाहते हैं जिसमें सभी की संप्रभुता और अखंडता बरकरार रहे. प्रधानमंत्री ने कहा कि डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना (डीपीआई) एक पुल होनी चाहिए न कि बाधा. वैश्विक भलाई के लिए भारत अपनी डीपीआई साझा करने को तैयार है. भारत के लिए एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य को लेकर प्रतिबद्धता है.

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