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कोरोना के बाद डरा रहा मंकीपॉक्स, पाकिस्तान से सामने आया पहला केस, अलर्ट जारी - Monkeypox Virus In Pakistan

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Aug 16, 2024, 11:13 AM IST

Updated : Aug 16, 2024, 12:09 PM IST

Monkeypox: विश्वभर में कोरोना के बाद अब मंकीपॉक्स ने लोगों को डराना शुरू कर दिया है. कोरोना की तरह ही मंकीपॉक्स भी महामारी बनता जा रहा है. अफ्रीकी देशों में मंकीपॉक्स के चलते अब तक लगभग 100 लोगों की जानें जा चुकी है. वहीं अबतक अफ्रीकी देशों तक सीमित यह वायरस अब बाहर भी फैल गया है. अफ्रीका से बाहर पाकिस्तान में भी इसका एक मरीज मिला है. जिसके बाद WHO ने इसे ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी घोषित कर कर दी है.

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इस्लामाबाद: पाकिस्तान में गुरुवार को साल का पहला मंकीपॉक्स वायरस मामला सामने आया. पाकिस्तानी समाचार आउटलेट, जियो न्यूज के अनुसार, खैबर पख्तूनख्वा में एक पाकिस्तानी नागरिक में इस घातक वायरस का पता चला था. यह व्यक्ति हाल ही में सऊदी अरब से आया था. बता दें, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने मंकी पॉक्स को अंतरराष्ट्रीय सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित कर चुकी है.

पूरी दुनिया को कोरोना के बाद डरा रहा मंकीपॉक्स (ANI)

पाकिस्तानी संघीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि यह व्यक्ति दीर शहर का रहने वाला था और वर्तमान में मर्दान में रह रहा है. अधिकारियों ने बताया कि संक्रमित व्यक्ति में 3 अगस्त को सऊदी अरब से लौटने के बाद एमपॉक्स का पता चला था.

व्यक्ति के संपर्क में आए लोगों के नमूने एकत्र किए गए
जियो न्यूज के अनुसार, स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारी ने कहा कि उन्होंने प्रभावित व्यक्ति के संपर्क में आए लोगों के नमूने एकत्र किए हैं. इसके बाद, मंत्रालय ने सीमा स्वास्थ्य सेवाओं को सभी प्रवेश बिंदुओं की सख्त निगरानी शुरू करने का आदेश दिया है. खबर सामने आने के बाद, पाकिस्तानी स्वास्थ्य मंत्रालय ने डीजी हेल्थ की अध्यक्षता में एक महत्वपूर्ण सत्र आयोजित किया, जिसमें एमपॉक्स के बारे में सलाह और दिशा-निर्देश जारी किए गए. प्रांतों को बीमारी का पता लगाने के संबंध में विकास की निगरानी और रिपोर्ट करने के लिए फोकल व्यक्तियों को नियुक्त करने का निर्देश दिया गया है.

मंकीपॉक्स (IANS)

पहली बार नहीं
यह पहली बार नहीं है जब पाकिस्तान को मंकीपॉक्स की भयावहता से जूझना पड़ा है. पिछले साल, देश में मंकीपॉक्स के नौ मामले सामने आए थे, ये सभी मामले मध्य पूर्व और अन्य देशों से लौटने वाले यात्रियों में थे. एक व्यक्ति एचआईवी और एमपॉक्स दोनों से प्रभावित था और अंततः इस्लामाबाद में उसकी मृत्यु हो गई. लगभग 15 अफ्रीकी देश वर्तमान में इस घातक मामलों से जूझ रहे हैं. जिसमें बुरुंडी, केन्या, रवांडा और युगांडा शामिल है. ये चारों देश पहले भी एमपॉक्स से अप्रभावित थे.

डब्ल्यूएचओ ने 1 जनवरी 2022 से 30 जून 2024 तक एमपॉक्स के कुल 99,176 प्रयोगशाला-पुष्टि मामलों की रिपोर्ट के बाद इस मामले पर अलर्ट जारी किया. अकेले जून 2024 में, 934 नए मामले सामने आए, जिनमें से अधिकांश मामले अफ्रीकी क्षेत्र (61 प्रतिशत) से आए, उसके बाद अमेरिका (19 प्रतिशत) और यूरोपीय क्षेत्र (11 प्रतिशत) से आए

स्वीडन ने गुरुवार को यूरोप में एमपॉक्स के अधिक खतरनाक संस्करण के पहले मामले की पुष्टि की. स्वीडन की सार्वजनिक स्वास्थ्य एजेंसी ने नोट किया कि व्यक्ति अफ्रीका के उस क्षेत्र में रहने के दौरान वायरस से संक्रमित हो गया, जो वर्तमान में एमपॉक्स क्लेड 1 के बड़े प्रकोप से जूझ रहा था.

स्वीडन की सार्वजनिक स्वास्थ्य एजेंसी ने गुरुवार को एक बयान में कहा कि स्टॉकहोम में इलाज करवाने आए एक व्यक्ति में क्लेड I वेरिएंट के कारण एमपॉक्स का निदान किया गया है यह क्लेड I के कारण अफ्रीकी महाद्वीप के बाहर होने वाला पहला मामला है.

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Last Updated : Aug 16, 2024, 12:09 PM IST

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