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मालदीव: संसदीय चुनाव में राष्ट्रपति मुइज्जू की पार्टी को प्रचंड बहुमत - Muizzu party wins - MUIZZU PARTY WINS

Maldives President Muizzus ruling PNC wins : मालदीव के संसदीय चुनाव में सत्ताधारी पीपुल्स नेशनल कांग्रेस (PNC) ने बहुमत हासिल कर लिया है.

Maldives President Muizzus ruling PNC won parliamentary elections(photo official website)
मालदीव के राष्ट्रपति मुइज़स सत्तारूढ़ पीएनसी ने संसदीय चुनाव जीता (फोटो आधिकारिक वेबसाइट)

By ANI

Published : Apr 22, 2024, 7:41 AM IST

माले: राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू की सत्तारूढ़ पीपुल्स नेशनल कांग्रेस (PNC) ने मालदीव की संसद में बहुमत हासिल कर लिया है. मालदीव स्थित सन ऑनलाइन की रिपोर्ट के अनुसार उनकी पार्टी ने रविवार को हुए संसदीय चुनावों में 60 सीटें जीतीं. संसदीय चुनावों में 200,000 से अधिक लोगों ने मतदान किया. इसमें छह नई सीटों सहित अगली संसदीय विधानसभा की 93 सीटों के लिए 326 उम्मीदवार मैदान में थे.

मालदीव की सत्ताधारी पार्टी के उम्मीदवारों ने 90 सीटों पर चुनाव लड़ा. चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों में मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी (MDP) के 89 उम्मीदवार भी शामिल थे. इसी तरह डेमोक्रेट के 39 उम्मीदवार, जम्हूरी पार्टी (JP) से 10 उम्मीदवार, मालदीव डेवलपमेंट अलायंस (एमडीए) के 4 उम्मीदवार, अधलथ पार्टी (AP) से चार, मालदीव नेशनल पार्टी (MNP) से दो और 130 स्वतंत्र उम्मीदवार शामिल हुए.

प्रारंभिक परिणामों के अनुसार राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू की पीएनसी ने 60 से अधिक सीटों पर जीत हासिल की, जो कुल सीटों का लगभग दो-तिहाई है. इसमें पार्टी के समर्थन से चुनाव लड़ने वाले स्वतंत्र उम्मीदवार और एमएनपी और एमडीए के उम्मीदवार शामिल नहीं हैं. एमएनपी और एमडीए सत्तारूढ़ गठबंधन के साथ सहयोगी दो पार्टियां हैं.

रिपोर्ट के अनुसार विशेष रूप से तत्कालीन सत्तारूढ़ मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी (एमडीपी) ने 2019 में हुए चुनावों में 64 सीटों के साथ सर्वोच्च बहुमत हासिल किया, जबकि तत्कालीन विपक्षी पीपीएम-पीएनसी गठबंधन ने सिर्फ आठ सीटों पर जीत हासिल की. तत्कालीन सत्तारूढ़ पीपीएम ने 2014 के चुनावों में बहुमत हासिल किया था.

2009 के चुनावों में एमडीपी एकमात्र सत्तारूढ़ पार्टी थी जो बहुमत हासिल नहीं कर पाई थी. गौरतलब है कि मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के पदभार संभालने के बाद से भारत और मालदीव के बीच संबंध तनावपूर्ण हो गए थे. उन्होंने राष्ट्रपति चुनाव के दौरान और उसके बाद भारत की आलोचना की और उनकी सरकार ने औपचारिक रूप से भारत से माले से अपनी सेना वापस बुलाने का अनुरोध भी किया.

हालाँकि, मार्च में मुइजू ने नई दिल्ली से ऋण राहत उपायों के लिए अनुरोध किया, जबकि स्थानीय मीडिया ने बताया कि भारत मालदीव का निकटतम सहयोगी बना रहेगा. उन्होंने आगे दावा किया कि उन्होंने कोई कार्रवाई नहीं की है और न ही कोई बयान दिया है जिससे दोनों देशों के बीच संबंधों में तनाव आ सकता हो.

रिपोर्ट के अनुसार स्थानीय मीडिया 'मिहारू' के साथ एक साक्षात्कार में मुइज्जू ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि भारत लगातार देश से लिए गए भारी ऋण के पुनर्भुगतान में मालदीव के लिए ऋण राहत उपायों को समायोजित करेगा. उन्होंने कहा, 'हमें जो स्थितियां विरासत में मिली हैं, वे ऐसी हैं कि भारत से बहुत बड़े ऋण लिए गए हैं. इसलिए हम इन ऋणों के पुनर्भुगतान ढांचे में उदारताएं तलाशने के लिए चर्चा कर रहे हैं.

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