वॉशिंगटन: अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव 2024 का काउंटडाउन शुरू हो गया है. लोग मंगलवार 5 नवंबर को देश के नए राष्ट्रपति को चुनने के लिए वोटिंग करेंगे. चुनाव में पूर्व राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप और वर्तमान उपराष्ट्रपति कमला हैरिस के बीच जोरदार मुकाबला देखने को मिल रहा है. यही वजह है कि राष्ट्रपति पद के दोनों दावेदार जमकर प्रचार कर रहे हैं.
बता दें उपराष्ट्रपति कमला हैरिस पहली बार राष्ट्रपति का चुनाव लड़ रही हैं. वहीं ट्रंप दो बार चुनाव लड़ चुके हैं. उन्हें पिछली बार देश के वर्तमान राष्ट्रपति जो बाइडेन से हार का सामना करना पड़ा था, जबकि 2016 में उन्होंने हिलेरी क्लिंटन को शिकस्त दी थी.
हिलेरी क्लिंटन ने अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में लोकप्रिय वोट जीता, लेकिन डोनाल्ड ट्रंप फिर भी राष्ट्रपति बनने में सफल रहे थे. ऐसा इलेक्टोरल कॉलेज की वजह से हुआ था. बता दें कि यह अमेरिकी चुनाव की एक अनूठी प्रणाली है, जहां परिणाम सीधे लोकप्रिय वोट से तय नहीं होता है.
लोकप्रिय वोट क्या है?
लोकप्रिय वोट देश भर के नागरिकों द्वारा डाले गए व्यक्तिगत वोटों की कुल संख्या है. यह लोगों की पसंद को दर्शाता है, जहां हर वोट को समान रूप से गिना जाता है. 2016 में क्लिंटन को देश भर में ट्रंप के मुकाबले ज्यादा वोट मिले थे, लेकिन इससे उन्हें राष्ट्रपति पद की गारंटी नहीं मिली, क्योंकि अमेरिकी चुनाव में इलेक्टोरल कॉलेज सिस्टम का इस्तेमाल किया जाता है.
इलेक्टोरल कॉलेज क्या है?
इलेक्टोरल कॉलेज 538 इलेक्टर्स से बना होता है. प्रत्येक अमेरिकी राज्य को उसकी जनसंख्या के साइज के आधार पर एक निश्चित संख्या में इलेक्टर्स दिए जाते हैं. उदाहरण के लिए सबसे अधिक आबादी वाले राज्य कैलिफोर्निया में 55 इलेक्टोरल वोट हैं, जबकि व्योमिंग जैसे छोटे राज्यों में केवल 3 हैं. राष्ट्रपति पद जीतने के लिए, किसी उम्मीदवार को 538 में से 270 इलेक्टोरल वोटों का बहुमत प्राप्त करना होता है.