ढाका : बांग्लादेश की पूर्व पीएम शेख हसीना के देश छोड़कर जाने के दौरान आरक्षण विरोधी आंदोलन में हुई हिंसा में एक सुनार की हत्या के मामले में पूर्व स्पीकर शिरीन शर्मिन चौधरी और पूर्व वाणिज्य मंत्री टीपू मुंशी को गिरफ्तार किया गया है. यह जानकारी गुरुवार को मीडिया रिपोर्ट में दी गई. बता दें कि इन्हीं प्रदर्शनों की वजह से देश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की सरकार गिर गई थी.
बांग्लादेश के अंग्रेस समाचार पत्र ढाका ट्रिब्यून के मुताबिक रंगपुर में दर्ज एक हत्या के मामले में पूर्व वाणिज्य मंत्री टीपू मुंशी को बुधवार को रैपिड एक्शन बटालियन ने गिरफ्तार किया. इसमें बताया गया है कि प्रदर्शन के दौरान 38 वर्षीय सुनार मुस्लिम उद्दिन मिलन की हत्या को लेकर टीपू मुंशी और संसद की पूर्व अध्यक्ष चौधरी समेत 17 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था. इनके अलावा इस मामले में कई अज्ञात लोग भी आरोपी बनाए गए हैं.
गौरतलब है कि शिरीन शर्मिन चौधरी(46) अप्रैल 2013 से अगस्त 2024 तक बांग्लादेश जातीय संसद की पहली महिला अध्यक्ष थीं. वहीं डेली स्टार न्यूज पेपर के हवाले से कहा गया है कि बांग्लादेश में नौकरियों में आरक्षण में सुधार की मांग को लेकर छात्रों के नेतृत्व में हुए आंदोलन के दौरान 19 जुलाई को रंगपुर में सुनार मिलन की हत्या कर दी गई थी. इन प्रदर्शनों के चलते पांच अगस्त को 76 वर्षीय हसीना की अवामी लीग सरकार को सत्ता से बेदखल होना पड़ा था.
इस मामले में दर्ज बयान के अनुसार, जब सिटी बाज़ार क्षेत्र में प्रदर्शन के दौरान छात्रों और अवामी लीग के कार्यकर्ताओं के बीच झड़प हुई थी तो पुलिस ने आरोपी लोगों के आदेश के तहत अंधाधुंध गोलीबारी की थी. खबर में बताया गया कि उस समय मिलन को गोली लगी और उसे रंगपुर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल ले जाया गया, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया. हसीना के नेतृत्व वाली सरकार गिरने के बाद अवामी लीग के कई वरिष्ठ नेता, सांसद और पूर्व मंत्री अज्ञात स्थानों पर जा छुपे थे. 5 अगस्त को भारत भाग जाने वाली हसीना के खिलाफ़ हत्या के आरोपों सहित कम से कम 75 मामले दर्ज हैं.
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