इस्लामाबाद : आसिफ अली जरदारी ने रविवार को पाकिस्तान के 14वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली और वह तख्तापलट के जोखिम का सामना करने वाले देश में दूसरी बार इस पद के लिए चुने गए पहले असैन्य व्यक्ति हैं.
पाकिस्तान के प्रधान न्यायाधीश काजी फैज ईसा ने राष्ट्रपति भवन 'ऐवान-ए-सदर' में 68 वर्षीय जरदारी को पद की शपथ दिलाई. जरदारी, डॉ. आरिफ अल्वी की जगह लेंगे जो सितंबर 2023 में अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा करने के बावजूद पांच महीने तक पद पर बने रहे.
शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ, सेना के तीनों अंगों (थलसेना, वायुसेना और नौसेना) के प्रमुख, वरिष्ठ अधिकारी और राजनयिक उपस्थित थे. सत्तारूढ़ गठबंधन के संयुक्त उम्मीदवार और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के सह-अध्यक्ष जरदारी ने शनिवार को महमूद खान अचकजई को भारी मतों के अंतर से हराया, जिसके बाद उन्हें दूसरी बार देश के राष्ट्रपति के रूप में चुना गया. पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी द्वारा समर्थित अचकजई, सुन्नी इत्तेहाद काउंसिल (एसआईसी) के उम्मीदवार थे.
जरदारी ने अपने सहयोगी दलों - मुख्य रूप से पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) और मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट-पाकिस्तान (एमक्यूएम-पी) के समर्थन से संसद और सभी चार प्रांतीय विधानसभाओं में 411 वोट हासिल किए। उनके प्रतिद्वंद्वी प्रत्याशी अचकजई को 181 वोट मिले.
दूसरी बार राष्ट्रपति बने :यह दूसरी बार है, जब जरदारी राष्ट्रपति बने हैं. इससे पहले, वह 2008 से 2013 तक पाकिस्तान के 11वें राष्ट्रपति रहे थे. वह अगस्त 2018 से पाकिस्तान की नेशनल असेंबली के सदस्य हैं.
वर्ष 1955 में जन्मे जरदारी का पालन-पोषण और शिक्षा कराची में हुई. उनकी शादी पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री जुल्फिकार अली भुट्टो की बेटी बेनजीर भुट्टो से हुई थी। बेनजीर की दिसंबर, 2007 में हत्या कर दी गई थी.
प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने जरदारी को दूसरे कार्यकाल के लिए राष्ट्रपति चुने जाने पर बधाई दी है. एक संदेश में शहबाज शरीफ ने कहा कि सीनेट, नेशनल असेंबली और सभी चार प्रांतीय विधानसभाओं के निर्वाचित सदस्यों ने जरदारी पर अपना भरोसा जताया है. उन्होंने कहा कि जरदारी संघ की ताकत का प्रतीक होंगे.