Uric Acid : हाइपरयूरिसीमिया यानि यूरिक एसिड के उच्च स्तर से शरीर में कई बीमारियां घर बना लेती हैं. जब हमारे शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ जाती है, तो इससे जोड़ों में दर्द, चलने-फिरने में परेशानी और उठने-बैठने में दिक्कत होने लगती है. इसका सबसे ज्यादा प्रभाव हमारे जोड़ों पर पड़ता है. उम्र बढ़ने के साथ समस्या और बढ़ जाती है. इसका सीधा संबंध प्रोटीन की बढ़ी मात्रा से है. यूरिक एसिड प्रोटीन और प्यूरीन (डीएनए और आरएनए में पाए जाने वाले कार्बन और नाइट्रोजन से बने अणु) के ज्यादा इनटेक की वजह से बढ़ता है.
Uric Acid को नियंत्रित करने के लिए खानपान पर विशेष ध्यान देना जरूरी है. कुछ खाद्य पदार्थ, विशेष रूप से दालें, राजमा, छोले जैसी चीजें हमारे शरीर में यूरिक एसिड के स्तर को बढ़ा सकती हैं इसलिए इनका सेवन सोच समझ कर करना चाहिए. यूरिक एसिड को बढ़ने से रोकने के लिए इससे पीड़ित लोगों को क्या खाना चाहिए और क्या नहीं खाना चाहिए इसके लिए हमने उत्तर प्रदेश के हरदोई में शतायु आयुर्वेदा एवं पंचकर्म केंद्र के निदेशक डॉक्टर अमित कुमार से बात की.
Dr Amit Kumar के मुताबिक “उम्र बढ़ने के साथ हमारे गुर्दे प्रोटीन को पूरी तरह हजम नहीं कर पाते जिससे किडनी ठीक से फंक्शन नहीं करती. जब किडनी अपना काम ठीक से नहीं करती तो इसका सीधा असर शरीर के कई हिस्सों में दिखने लगता है. कई कारणों में से इसका एक अहम कारण यूरिक एसिड बढ़ना है. हालांकि यह जरूरी नहीं कि ज्यादा उम्र वाले लोगों को ही इस समस्या का सामना करना पड़े. कई बार बहुत ही कम उम्र के लोगों को भी यूरिक एसिड बढ़ जाता है. जोड़ों में दर्द, टेंडन में दर्द जैसी समस्याओं से जूझना पड़ता है. ज्यादा शराब पीने वाले लोगों में यह समस्या अक्सर देखने को मिलती है.”
यूरिक एसिड के लक्षण (Uric acid symptoms)
- जोड़ों में दर्द
- गुर्दे की पथरी
- पैर की एड़ियों में दर्द
- घुटनों में दर्द
- उंगलियों में सूजन-दर्द
ऐसे खानपान से बना लें दूरी (Uric acid food to avoid)
- शराब के अधिक सेवन से यूरिक एसिड की बीमारी हो सकती है.
- मटन, मुर्गा, मछली के सेवन से भी यूरिक एसिड की समस्या होती है.
- अरहर की दाल और ज्यादा चाय के सेवन से भी यूरिक एसिड बीमारी हो जाती है.
- शुगर युक्त पेय पदार्थ (जिनमें शुगर अधिक होती है) का सेवन भी खतरनाक है.
- राजमा, सूखी मटर, गोभी, मशरूम, पोर्क में प्यूरीन ज्यादा पाया जाता है.
- ज्यादा फैट वाले दूध से भी ये समस्या होती है.